हिमाचल : हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर आसमान से बारिश के साथ आफत बरसी है। प्रदेश के कई इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है। सोलन जिले में बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटना से सात लोगों की मौत हो गई है, जबकि 3 लापता हैं। सोलन जिले के कंडाघाट उपमंडल की ममलीग उप-तहसील के जादोन गांव में दर्दनाक हादसा हुआ। देर रात डेढ़ बजे बादल फटने से दो घर और एक गौशाला बह गई।
बीते दिन से हो रही भारी बारिश के कारण पंचायत सायरी के जादोन गांव में रति राम और इसके बेटे हरनाम के 2 मकान भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गए। हरनाम का मकान पूरी तरह से नष्ट हो गया है। घटना के वक्त हरनाम के घर में 4 व्यक्ति थे और रति राम के मकान में 9 लोग सो रहे थे। 5 व्यक्तियों को स्थानीय लोगों और पुलिस ने जिंदा निकाल लिया। लेकिन 7 लोगों की मौत हो गई। 3 अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
रेस्क्यू टीम को हादसे वाली जगह तक पहुंचने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चारों तरफ सड़कें बंद हो गई हैं। लोक निर्माण विभाग ने सड़क की मरम्मत के लिए जेसीबी लगाकर काम शुरू किया है। ग्राम पंचायत जड़ाना के अन्तर्गत ईश्वर सिंह का मकान भी क्षति ग्रस्त हो गया है, जिसके सदस्य सुरक्षित घर से बाहर निकल गए हैं। कंडाघाट के SDM सिद्धांत आचार्य ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मलबे में दबे हुए लोगों को रेस्क्यू किया गया है। वहीं, अबतक 7 शवों को निकाला जा चुका है। मौके पर पुलिस और SDRF की टीम मौजूद है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून का प्रकोप जारी है। सूबे के कई इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है। सोलन जिले में बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटना सामने आई है। सोलन जिला के कंडाघाट उपमंडल की ममलीग उप-तहसील के जादोन गांव में देर रात डेढ़ बजे बादल फटने से दो घर और एक गौशाला बह गई। इस हादसे में 7 लोगों को मौत हो गई। अभी तक सात शवों को निकाला गया है।
बीते दिन से हो रही भारी बारिश के कारण पंचायत सायरी के जादोन गांव में रति राम व इसके बेटे हरनाम के दो मकान भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गए जिसमें हरनाम का मकान पूरी तरह से नष्ट हो गया है। घटना के वक्त हरनाम के घर में 4 व्यक्ति थे और रति राम के मकान में 9 लोग सो रहे थे। जिसमे से 5 व्यक्तियों को जिन्दा और 7 व्यक्तियों के शव गांव वालों और पुलिस की मदद से निकाले जा चुके हैं।
हादसे वाली जगह तक पहुंचने के लिए चारों तरफ से रोड़ बंद है। लोक निर्माण विभाग द्वारा रोड़ खोलने और स्थानीय ग्राम पंचायत उप-प्रधान द्वारा अपनी जेसीबी लगाकर रोड खोलने का कार्य शुरु कर दिया है। ग्राम पंचायत जड़ाना के अन्तर्गत ईश्वर सिंह का मकान भी क्षति ग्रस्त हो गया है जिसके सदस्य सुरक्षित घर से बाहर निकल गये हैं। कंडाघाट के SDM सिद्धांत आचार्य ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मलबे में दबे हुए लोगों को रेस्क्यू किया गया है। वहीं, अबतक 7 शवों को निकाला जा चुका है। मौके पर पुलिस और SDRF की टीम मौजूद है।
भारी बारिश और भूस्खालन के चलते चंडीगढ़ शिमला नेशनल हाईवे-5 फिर से बंद हो गया है। चक्की मोड़ पर भी फिर से पहाड़ से मलबा आ गिरा। सबसे परेशान वाली बात ये है कि नेशनल हाईवे से डायवर्ट किए गए संपर्क मार्ग भी भूस्खलन के कारण बंद हो गए हैं। संपर्क मार्गों पर वाहन फंसे हुए हैं। शिमला और चंडीगढ़ का संपर्क अब पूरी तरह से टूट गया है। लगातार 4 दिनों से से हो रही बारिश की वजह से नेशनल हाईवे को बार बार खोलना और बंद करना पड़ रहा है। चंडीगढ़ से वाया कसौली जंगेशु मार्ग भी बंद होने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा चंडीगढ़ से वाया बद्दी हो कर सोलन और शिमला जाने का विकल्प भी खत्म हो गया है क्योंकि वहां भी पुल टूट गया है।
मंडी जिला में बीती रात से भारी बारिश ही रही है। चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे पूरी तरह से बंद है और वैकल्पिक मार्ग भी बंद हैं। सात मील के पास नाले में भारी बारिश के कारण भारी मात्रा में मलबा आया है जो हाईवे पर खड़ी बड़ी गाड़ियों को नुकसान कर गया है। कई गाड़ियां इससे क्षतिग्रस्त हो गई हैं। लोगों तक मदद पहुंचाना भी सम्भव नहीं हो पा रहा है। 20-30 टूरिस्ट भी यहां फंस गए हैं। चंडीगढ़ मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग 60 घंटों के लिए बंद है। बारिश के कारण प्रशासन ने पूरी रात सड़क बंद रखने का फैसला किया है।
मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। अगले 72 घंटे जबरदस्त बारिश होने की संभावना है। शिमला, कांगड़ा, चम्बा, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, कुल्लू और सोलन जिलों में जबरदस्त बारिश और बादल फटने की चेतावनी जारी की गई है। इन जिलों में अचानक बाढ़ आने की चेतावनी जारी की गई है। भारी बारिश की वजह से प्रदेश में स्कूलों को बंद किया गया है। बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। कल यानी रविवार को सूबे के 2 नेशनल हाईवे लैंडस्लाइड से बाधित हो गए थे।