CM अखिलेश यादव ने खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को किया बर्खास्त
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार करने और सूबे में अवैध खनन को बढ़ावा देने के आरोपों से घिरे खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को आज बर्खास्त कर दिया। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रजापति को बर्खास्त कर दिया है और इस सिलसिले में राजभवन को पत्र भी भेजा गया है। मालूम हो कि प्रजापति पर अवैध खनन को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार के आरोप अर्से से लगते रहे हैं और बताया जाता है कि मुख्यमंत्री उनसे खासे नाराज भी थे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश में जगह-जगह बड़े पैमाने पर जारी अवैध खनन को गंभीरता से लेते हुए गत 28 जुलाई को प्रदेश में हुए अवैध खनन और इसमें शामिल सरकारी अधिकारियों की भूमिका की जांच सीबीआई से कराकर 6 महीने के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के इस फैसले को वापस लेने के लिए अर्जी दी थी लेकिन न्यायालय ने गत 9 सितंबर को उसे खारिज कर दिया था। भाजपा के प्रांतीय महासचिव विजय बहादुर पाठक ने खनन मंत्री की बर्खास्तगी को महज दिखावा करार देते हुए कहा कि उच्च न्यायालय के हंटर से डरे मुख्यमंत्री ने मजबूरन यह कदम उठाया है।
पाठक ने कहा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पिछले साढ़े 4 साल तक प्रजापति के भ्रष्टाचार के मूकदर्शक रहे। उच्च न्यायालय ने जब प्रजापति द्वारा प्रोत्साहित किए गए अवैध खनन की सीबीआई जांच के आदेश को वापस लेने की सरकार की अर्जी खारिज कर दी, तब मुख्यमंत्री के पास प्रजापति को बर्खास्त करने के सिवा कोई चारा नहीं था। कांग्रेस विधायक रीता बहुगुणा जोशी ने इस बारे में कहा कि प्रदेश में हर तरफ अवैध खनन हो रहा है और यह जगजाहिर है कि प्रजापति ही इसे बढ़ावा दे रहे थे। जब उच्च न्यायालय ने इस पर गंभीर रख अख्तियार कर लिया, तो मुख्यमंत्री ने मजबूरन प्रजापति को बर्खास्त कर दिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश का प्रजापति को बर्खास्त करना महज एक छलावा है। मालूम हो कि वर्ष 2012 में पहली बार अमेठी से विधायक बने प्रजापति ने कामयाबी की सीढियों पर काफी तेजी से कदम रखे। उन्हें फरवरी 2013 में सिंचाई राज्यमंत्री बनाया गया था। बाद में उन्हें खनन राज्यमंत्री के पद पर नियुक्त किया गया था। जुलाई 2013 में प्रजापति को स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बनाया गया था और जनवरी 2014 में उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था।