राजनीति

CM चन्नी ने मानी सिद्धू की अधिकांश मांगे, सुलह की ओर पंजाब कांग्रेस: सूत्र

चंडीगढ़: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मिले। सूत्रों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस इकाई में जारी संकट को समाप्त होने की कगार पर है। पूर्व राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी में बने रहने का फैसला किया। यह खबर राज्य में चल रही उथल-पुथल को समाप्त करने के संकेत के रूप में उच्च-स्तरीय बैठक के बाद आई है। सूत्रों के मतुाबिक, सिद्धू की अधिकांश मांगों को स्वीकार कर लिया गया है और 4 अक्टूबर को बुलाई गई कैबिनेट बैठक में औपचारिक रूप से निर्णय की घोषणा होने की संभावना है।

सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेता सुलह के फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं और जल्द ही संयुक्त रूप से प्रेस को संबोधित कर सकते हैं। 28 सितंबर को नवजोत सिंह सिद्धू ने अचानक पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था। वह कथित तौर पर आईपीएस अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता की नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में नियुक्त किए जाने और राणा गुरजीत सिंह को नए राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने से नाराज थे।

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सिद्धू की कई मांगों पर सहमत हो गए हैं। सूत्रों ने बताया कि सिद्धू को बताया गया है कि आईपीएस अधिकारी सहोता अभी डीजीपी के रूप में कार्य कर रहे हैं और उन्हें अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। चन्नी से मुलाकात से ठीक पहले, सिद्धू ने राज्य के नए डीजीपी पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने दो सिख युवकों को बेअदबी के लिए गलत तरीके से आरोपित किया और बादल को क्लीन चिट दे दी।

सूत्रों के मुताबिक, बहबल कलां मामले में आरोपी के वकील के तौर पर पेश हुए एडवोकेट जनरल एपीएस देओल पर सिद्धू की आपत्ति पर पर पंजाब महाधिवक्ता के समानांतर प्राधिकरण नियुक्त कर सकता है। चंडीगढ़ के पंजाब भवन में हुई चन्नी-सिद्धू बैठक का हिस्सा रहे विधायक गुरदीप ने कहा कि सिद्धू अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए तैयार हो गए हैं।

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