देहरादून: भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुई लड़ाई में पाकिस्तान ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेक दिए थे। इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के 93000 जवानों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया था। यह सब जिस जाबांज की वजह से हुआ उसका नाम है फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, जिनकी आज जयंती है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्विटर पर लिखा है कि अदम्य साहसी एवं शौर्यवान, असाधारण नेतृत्व क्षमता के धनी एवं देश के प्रथम फील्ड मार्शल, वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक सैम मानेकशॉ जी की जयंती पर शत्-शत् नमन। माँ भारती की सेवा में समर्पित आपका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।
आपको बता दें कि सैम मानेकशॉ का पूरा नाम होरमुजजी फ्रामदी जमशेदजी मानेकशॉ था। लेकिन बचपन से ही निडर और बहादुरी की वजह से इनके चाहने वाले इन्हें सैम बहादुर के नाम से पुकारते थे। सैम मानेकशॉ एक ऐसे जवान थे जिनकी बहादुरी और साहस की वजह से वो भारतीय सेना के पहले ऐसे जनरल बने जिनको प्रमोट कर फील्ड मार्शल की रैंक दे दी गई थी। आपको बता दें कि सैम का जन्म तीन अप्रैल 1914 को अमृतसर में हुई थी।