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सीएम धामी ने चार माह के लिए 21 हजार करोड़ से अधिक का लेखानुदान किया पेश

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नई वित्तीय वर्ष के लिए चार माह के लिए सदन के पटल पर 21 हजार 116 करोड़ 81 लाख का लेखानुदान पेश किया। विपक्ष ने सदन में लेखानुदान बजट को रोकर राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की मांग की। इसी के साथ सदन बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही बिना विभाग के मंत्रियों और बगैर नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजूदगी में शुरू हुआ।

मंगलवार सुबह पांचवीं विधानसभा की पहले सत्र का राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के अभिभाषण से 11 बजे सदन का शुभारंभ हुआ। राज्यपाल ने अभिभाषण में नए लक्ष्यों और पिछले सरकार के कार्यों के संकल्प दोहराते हुए विकास कार्यों को पूरा करने की उत्तराखंड सरकार की प्राथमिकता के साथ भविष्य की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं पर फोकस रहा। राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही विपक्ष ने सदन में महंगाई के विरोध में बैनर दिखाने शुरू किए। सदन की कार्यवाही बिना मंत्रियों के विभाग और नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजूदगी में शुरू हुआ।

राज्यपाल के अभिभाषण और भोजनावकास के बाद दोपहर तीन बजे सदन की कार्यवाही प्रारंभ हुई। राज्यपाल के अभिभाषण के वाचन की मंजूरी के बाद फिर सदन एक घंटे यानी चार बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद चार बजे सदन की कार्रवाई शुरू हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार नए वित्तीय वर्ष के पहले चार माह के लिए लगभग 21,116.81 करोड़ रुपये का लेखानुदान पेश किया। लेखानुदान रखे जाने के बाद बुधवार को इसे पारित किया जाएगा। इस लेखानुदान में सरकार के चार महीने के खर्च की व्यवस्था की गई है। इसमें 16 हजार सात करोड़ राजस्व मद और पांच हजार एक सौ नौ करोड़ पूंजीगत मद में रखे गए हैं।

लेखानुदान में राज्य के सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों के लिए 5796 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जबकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन और अन्य लाभ के लिए 2229 करोड़ का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार की ओर से लिए गए ऋणों के भुगतान के लिए 1563 करोड़ और पूंजी परिव्यय के लिए 2256 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही सामग्री आपूर्ति 315 करोड़,स्थानीय निकायों को हस्तांतरण के के लिए 460 करोड़ के अलावा अन्य कार्य के लिए 4709 करोड़ रखा गया है।

विपक्ष ने इसे लोकतंत्र के आचरण और मार्यादा के विपरीत बताते हुए राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की मांंग की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि कार्यमंत्रणा के बाद सदन से अभिभाषण पास हो चुका है। प्रीतम सिंह भी अभिभाषण पर चर्चा की मांग पर अड़े रहे। इसके चलते सदन कल बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

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