पटियाला हिंसा में CM मान का एक्शन, आईजी, एसएसपी, एसपी हटाये गये, इंटरनेट और एसएमएस सुविधा बंद
चंडीगढ़: पंजाब के पटियाला (Patiala) में हुई हिंसा मामले में प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पटियाला के आईजी (IG), एसपी (SP) और एसएसपी (SSP) को हटा दिया गया है। अब मुखविंदर सिंह चीना नये आईजी जबकि वजीर सिंह नये एसपी होंगे। दीपक पारके एसएसपी का पदभार संभालेंगे। शुक्रवार को शिवसेना हिंदुस्तान और खालिस्तान समर्थकों के बीच हुई हिंसा में दो पुलिसकर्मी सहित कुल 4 लोग घायल हो गये थे। मामला अभी भी तनावर्पूण बना हुआ है।
पटियाला में अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। इसे देखते हुए प्रशासन मोबाइल सेवाओं पर पाबंदी लगा दी है। इंटरनेट बंद है। इसके अलावा सभी एसएमएस सेवाओं और सभी डोंगल सेवाओं आदि को भी बंद करा दिया गया है। 30 तारीख की सुबह 9:30 बजे से शाम 6 बजे तक पटियाला में बस फोन पर बात की जा सकेगी।
जिले में सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। पटियाला कमिश्नर ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, छापेमारी की जा रही है। हम जनता से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं। सरकार ने अत्यधिक सावधानी के एक कदम के रूप में आज सुबह 9.30 से शाम 6 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित रहेंगी। एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
पटियाला बंद का ऐलान
हिंसा के दौरान काली मंदिर पर हुए हमले के विरोध में आज (30 अप्रैल को) शिवसेना हिंदुस्तान नाम के हिंदू संगठन ने पटियाला में बंद का ऐलान किया है। संगठन के अध्यक्ष पवन गुप्ता का कहना है कि मार्च से काली मंदिर का कोई लेना-देना नहीं था। लेकिन फिर भी खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर पर हमला करके बेअदबी की है। गुप्ता आज खालिस्तान समर्थकों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन करेंगे।
हिंसा में पुलिसकर्मी समेत चार लोग हुए थे घायल
पटियाला में हुई झड़प की इस घटना को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नानक सिंह ने बताया था कि खालिस्तान विरोधी मार्च के दौरान हुई हिंसा में चार लोग घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि घायलों में दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. एसएसपी ने कहा कि जिस प्रोटेस्ट मार्च के दौरान झड़प हुई, उसकी अनुमति नहीं दी गई थी.
झड़प के दौरान लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और फायरिंग भी की. इसे लेकर उन्होंने कहा कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट के आदेश पर ही हालात को नियंत्रित करने के लिए जो भी सही कदम थे, उठाए गए.
क्या है पूरा मामला
एक दिन पहले ही शिवसेना (बालासाहब) के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश सिंगला ने खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च का ऐलान करते हुए किया था. उन्होंने कहा था कि शिवसेना, पंजाब को खालिस्तान नहीं बनने देगी. सिंगला के ऐलान के मुताबिक शुक्रवार को बड़ी तादाद में लोग तय जगह पर जमा हुए और खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च निकला.
इस मार्च में जो लोग शामिल थे, वे खालिस्तान विरोधी नारे लगाते हुए चल रहे थे. खालिस्तान विरोधी नारे लगाते चल रहे लोगों के विरोध में खालिस्तान समर्थक संगठनों के लोग भी आ गए. खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने लगे. दोनों गुट आमने-सामने हुए तो तलवारें लहराई जाने लगीं. पुलिस ने बैरिकेड कर रोकने की कोशिश की लेकिन वो नाकाफी साबित होने लगा. पुलिस को अंत में बल प्रयोग करना पड़ा.