CM मोहन यादव ने जातीय जनगणना के फैसले को बताया ‘ऐतिहासिक’

भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराए जाने के निर्णय को आजादी के बाद का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने एक ऐसा निर्णय लिया है जो समता, समरसता, सुशासन और सामाजिक न्याय की दिशा में एक नया युग स्थापित करेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि “जनगणना की घोषणा करना और उसमें जातिगत आधार पर जनगणना को शामिल करना आजादी के बाद किसी भी प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया अब तक का सबसे बड़ा निर्णय है. यह फैसला दर्शाता है कि प्रधानमंत्री मोदी न केवल दूरदृष्टा हैं बल्कि साहसी निर्णय लेने की क्षमता भी रखते हैं.” उन्होंने कहा कि भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को भी याद किया जाता है, लेकिन वह 24 दलों के गठबंधन की सरकार थी. इसके विपरीत, नरेंद्र मोदी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार चलाते हुए देशहित में कई ऐतिहासिक और जनकल्याणकारी निर्णय लिए हैं. डॉ. यादव ने जातिगत जनगणना को “युग परिवर्तन का प्रतीक” बताया और कहा कि इससे उन सामाजिक वर्गों को पहचान और अधिकार मिलेंगे जो अब तक उपेक्षित रहे हैं. उन्होंने कहा, “यह निर्णय वंचितों और पिछड़े वर्गों को नीति निर्माण की मुख्यधारा में लाकर ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की भावना को साकार करता है.”
मुख्यमंत्री ने कहा विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस और राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब वे इस निर्णय का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि यह वही दल हैं जिनकी सरकारें दशकों तक केंद्र में रहीं लेकिन कभी इस विषय पर गंभीरता नहीं दिखाई. “कांग्रेस नेता यह भूल जाते हैं कि उनके पूर्वज दशकों तक सत्ता में रहे, लेकिन वे कभी इस प्रकार का निर्णय नहीं ले सके. अब जब प्रधानमंत्री मोदी ने यह साहसिक कदम उठाया है, तो विपक्ष भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है,” उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार हर बार यह साबित करती है कि देशहित में कठोर और दूरगामी फैसले लेने की शक्ति उसी में है. “आज समय की मांग यही थी और प्रधानमंत्री मोदी एक के बाद एक ऐसे फैसले कर रहे हैं जो इतिहास में युग परिवर्तन के रूप में दर्ज किए जाएंगे,” मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री के निर्णय का पूर्ण समर्थन करते हुए इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया. उन्होंने आशा जताई कि इस निर्णय से देश में सामाजिक संतुलन और समरसता को मजबूती मिलेगी.