पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी की नेतृत्व गुणवत्ता (क्वालिटी) की सराहना की। सीएम ने कहा कि दिवंगत नेता, भाजपा के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ उनके सौहार्दपूर्ण संबंध उन्हें अब भी याद हैं। सीएम नीतीश कुमार ने एक उदाहरण साझा करते हुए पत्रकारों से कहा कि जब मैं केंद्रीय रेल मंत्री था, तब पश्चिम बंगाल में एक ट्रेन दुर्घटना में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। इस हादसे से मुझे बहुत दुख हुआ था और मैंने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया।
जब मैंने अटल जी को अपना इस्तीफा सौंपा तो उन्होंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। बार-बार अनुरोध करने पर ही उन्होंने इसे स्वीकार किया। सीएम ने आगे कहा कि मुझे फिर से केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया और अच्छी नीतियां बनाई गईं। उन नीतियों की वजह से देश में अब रेल हादसों की संख्या में कमी आई है।
आज उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान किए गए काम याद नहीं आ रहे हैं। हमने बहुत से अच्छे काम किए हैं, लेकिन उन्हें (नरेंद्र मोदी सरकार के नेताओं को) यह याद नहीं आ रहा है। वे दावा कर रहे हैं कि केंद्र में मौजूदा सरकार के दौरान सारा काम हो रहा है।
उन्होंने कहा, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान धर्म के आधार पर कोई विभाजन नहीं था। हर कोई एक-दूसरे के साथ मिलकर रहता था। यहां तक कि केंद्रीय एजेंसियों ने विपक्ष को भी निशाना नहीं बनाया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, अब भाजपा नेता मेरे बारे में बुरा बोल रहे हैं। वे इस तथ्य से अनजान हैं कि मैंने अटल जी के साथ काम किया था और मेरे उनके साथ बहुत मधुर संबंध थे।