देहरादून: उत्तराखंड के लोक पर्व ‘इगास-बूढ़ी दिवाली’ के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज अपने आवास पर परंपरागत उल्लास के साथ यह पर्व मनाया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, कैबिनेट मंत्री, विधायक और लोक कलाकार शामिल हुए। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस लोक पर्व पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है, ऐसा करने वाली यह पहली सरकार है। यह निर्णय उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं के प्रति मुख्यमंत्री धामी की गहरी आस्था और समर्पण को दर्शाता है।

कार्यक्रम के दौरान पारंपरिक नृत्य और गीतों ने पूरे वातावरण को उत्सवमय बना दिया। मुख्यमंत्री धामी ने उपस्थित कलाकारों और जनता के साथ पर्व की खुशियां साझा कीं और कहा कि “उत्तराखंड की संस्कृति हमारी अस्मिता की पहचान है। इस परंपरा को जीवित रखना और नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा सामूहिक दायित्व है।” मुख्यमंत्री धामी की यह प्रतिबद्धता यह सिद्ध करती है कि वे केवल प्रशासनिक रूप से नहीं, बल्कि दिल से उत्तराखंड की सांस्कृतिक धड़कन से जुड़े हुए हैं।

रुद्रप्रयाग में आपदा प्रभावित परिवारों से की मुलाकात
इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग पहुंचकर इगास पर्व के अवसर पर आपदा प्रभावित परिवारों से भेंट की। उन्होंने परिवारों का हालचाल जाना और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने माताओं-बहनों को फल व उपहार भेंट किए और उनके साथ बैठकर भोजन भी किया। इस दौरान उन्होंने माताओं-बहनों को आश्वस्त करते हुए कहा कि “मैं आपके बीच केवल मुख्यसेवक के रूप में नहीं बल्कि एक पुत्र और भाई की तरह सदैव उपस्थित हूं। आपका दु:ख मेरा अपना दु:ख है, और आपके जीवन में मुस्कान लाना ही मेरे जीवन का सबसे बड़ा ध्येय है।”

उन्होंने आगे कहा कि राज्य की सेवा करते हुए जनता से जो स्नेह, विश्वास और अपनापन मिलता है, वही उनकी सबसे बड़ी पूंजी और प्रेरणा है। मुख्यमंत्री धामी का यह दोहरा आयोजन एक ओर सांस्कृतिक पर्व का उत्सव और दूसरी ओर आपदा प्रभावितों के बीच पहुंचना उनके संवेदनशील, जनसंपर्कनिष्ठ और जमीनी नेतृत्व का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करता है। उनकी यह पहल न केवल उत्तराखंड की लोक परंपराओं को सम्मान देने की मिसाल है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि सरकार विकास के साथ-साथ संस्कृति, संवेदना और समाज के हर पहलू से जुड़ी हुई है।



