उत्तराखंड

सजग है उत्तराखंड का पहरेदार

आपदा छोटी हो या बड़ी धामी रहते हैं हर जगह मुस्तैद

सीएम धामी सजगता से घटना स्थल पर सबसे पहले पहुँचते है। यही कारण हैं कि उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय नेताओं में उनकी गिनती सबसे पहले होती हैं।

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं। थानों मार्ग पर क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवागमन को सुचारू करने के लिए शीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीमें निरंतर राहत एवं बचाव कार्यों के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं कर रही हैं। विधायकगण अपने क्षेत्रों में हर स्थिति पर निगरानी कर रहे हैं। सेना से भी संपर्क में हैं। अगर हेलीकॉप्टर की अवश्यकता पड़ी तो सेना से भी मदद ली जाएगी। स्टेट के हेलीकॉप्टर को भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए अलर्ट मोड पर रखा गया है।

बताया जा रहा है कि भारी बारिश से देहरादून से एयरपोर्ट को जाने वाले मार्ग में सौड़ा सरौली व रानीपोखरी के निकट पुल भारी बारिश में ढह गए। यहां रात 12 बजे घर लौट रहा एक स्कूटी सवार उफनती नदी में बह गया जबकि पौड़ी जिले के विनक गांव में मकान ढहने से एक महिला की मौत हो गयी। मुख्यमंत्री ने सभी से अनुरोध किया है कि अनावश्यक यात्रा न करें व नदी एवं बहाव क्षेत्र की ओर जाने से बचें।

देहरादून के रायपुर के सरखेत में शुक्रवार/ शनिवार की देर रात बादल फटने के बाद देहरादून के आसपास बहने वाले नदी-खाले उफान पर आ गए हैं। रायपुर और थानों को जोड़ने वाला पुल भी सौंग नदी के उफान पर आने से टूट गया। टपकेश्वर में बहने वाली तमसा नदी उफान पर आ गई है। मां वैष्णो देवी मंदिर में जाने वाला पुल भी टूट गया है। गुफा में पानी भर गया है। मालदेवला में सात घर बह गए तथा कई वाहनों के साथ ही एक स्कूटी सवार के बहने की भी सूचना है। सरखेत में एसडीआरएफ ने 40 परिवारों को रेस्क्यू कर आसपास के रिर्जोटों में ठहरा रखा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हो रही भारी वर्षा के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बारे में आपदा प्रबंधन विभाग से जानकारी ली। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने सभी से अनुरोध किया है कि अनावश्यक यात्रा न करें व नदी एवं बहाव क्षेत्र की ओर जाने से बचें।

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