विधायकों संग पिकनिक मना वापस रांची लौटे CM सोरेन, जानिए झारखंड सियासत की 10 बड़ी बातें
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के एक विधायक (MLA) के तौर पर योग्यता पर अनिश्चितता और झारखंड (Jharkhand) में गहराते राजनीतिक संकट (Political Crisis) के बीच अपने विधायकों के साथ पिकनिक (Picnic) मना कर वापस रांची लौट आये हैं. वहीं, सूत्रों ने कहा कि झारखंड के राज्यपाल हेमंत सोरेन की विधायक के रूप में अयोग्यता (Disqualification) पर किसी समय अधिसूचना जारी कर सकते हैं. दरअसल, सोरेन खुद को खनन पट्टा देने पर लाभ लेने के आरोपों का सामना कर रहे हैं. चलिए झारखंड के राजनीतिक संकट पर 10 बड़ी बातें जानते हैं.
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यहां जानिए झारखंड सियासत की 10 बड़ी बातें
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को लेकर तीन बसें रांची में मुख्यमंत्री आवास लौट आई हैं. रांची वापस जाते समय सीएम हेमंत सोरेन बच्चों के बीच मिठाई बांटते दिखाई दिये. दरअसल, सोरेन वोल्वो बस से उतरे और स्थानीय बच्चों के बीच वेफर्स और कोल्ड ड्रिंक बांटे.झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस विधायकों के साथ खूंटी जिले के लतरातू बांध के पास नाव की सवारी करते हुए देखे गए थे. वहीं, शनिवार को हेमंत ने रांची के सीएम आवास पर एक अहम बैठक बुलाई गई थी. विधायक इस मीटिंग में शामिल होने के लिए अपना सामान साथ लेकर आए थे. इससे पहले सीएम हेमंत सोरेन अपने विधायकों को तीन बसों में लेकर झारखंड के खूंटी जिले में स्थित एक रिसॉर्ट में पहुंच चुके थे. बता दें कि हेमंत सोरेने की मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने की संभावना को देखते हुए विधायकों को बचाने के लिए रिसॉर्ट में शिफ्ट करने की कोशिश कर रहे थे.
बता दें कि इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि प्रदेश की गठबंधन सरकार के विधायकों को छत्तीसगढ़ या पश्चिम बंगाल में ठहराये जाने की तैयारी थी. दोनों राज्यों में गैर-बीजेपी सरकारें हैं. 3 लग्जरी बसें विधायकों और सुरक्षाकर्मियों को सड़क मार्ग से पहुंचाने के लिए रांची भी पहुंचीं थी, , लेकिन हेमंत सोरेन खूंटी से ही वापस लौट आए. सीएम हेमंत सोरेन की अयोग्यता पर झारखंड के राज्यपाल का आदेश सोमवार से पहले संभव नहीं है. भारत के चुनाव आयोग ने राज्यपाल के आवास पर अपनी राय भेजी थी और सूत्रों ने बताया था कि उनकी अयोग्यता के लिए एक सिफारिश थी.
सूत्रों ने यह भी खुलासा किया था कि हेमंत सोरेन को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित नहीं किया गया था. अब राज्यपाल के आदेश ईसीआई को भेजे जाएंगे. पोल पैनल बाद में एक अधिसूचना जारी करेगा. झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे कहते हैं, हम यहां इस मामले पर चर्चा करने और किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए हैं, जो पिछले कुछ दिनों में घटी राजनीतिक गतिविधिया हुई उस पर चर्चा करने के लिए सभी विधायक और मंत्री एकत्र हुए थे.
कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, सीएलपी आलमगीर आलम ने खूंटी के लतरातू बांध से लौटने के बाद रांची में कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक की. यूपीए में कुल 49 विधायकों में से कम से कम 6 विधायक गायब थे, जब तीन बसें सीएम के घर से खूंटी के लतरातू बांध तक पहुंची. लापता विधायक थे- इरफान अंसारी, नमन बिक्सल कोंगारी और कांग्रेस के राजेश कच्छप, जो राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने के मामले में कोलकाता में हैं. अन्य गैर-मौजूद कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव, ममता कुमारी (उन्होंने हाल ही में एक बच्चे को जन्म दिया) थे. झामुमो की ओर से चमरा लिंडा मौजूद नहीं थीं.
वहीं, दूसरी तरफ झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार (26 अगस्त) को सांसदों और विधायकों के खिलाफ राज्य की कई अदालतों में लंबित मामलों की पूरी जानकारी सरकार और सीबीआई को सौंपने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश डा. रवि रंजन और सुजीत नारायण प्रसाद की पीठ ने झारखंड अगेंस्ट करप्शन की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिये.