उत्तर प्रदेशराज्य

मॉनसून की दस्तक के साथ बाढ़ नियंत्रण पर CM योगी के निर्देश, 24 घंटे सतर्क रहेंगे अफसर

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में बाढ़ और अतिवृष्टि की स्थिति में अधिकारी 24 घंटे अलर्ट रहें। हालात पर सतत नजर रखी जाए। नदियों के जलस्तर की मॉनीटरिंग करें। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ-पीएसी और आपदा प्रबंधन टीमों को 24×7 एक्टिव मोड में रखें। आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की सहायता ली जानी चाहिए। युवाओं को भी बाढ़ राहत का प्रशिक्षण भी दिया जाए। आपदा प्रबंधन के लिए जिलों की अपनी कार्ययोजना होनी चाहिए। मुख्यमंत्री बुधवार को अपने आवास पर बाढ़ नियंत्रण की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि बाढ़ से जन-जीवन की सुरक्षा के लिए इस वर्ष भी बेहतर समन्वय, क्विक एक्शन और प्रबन्धन किया जाए। सभी विभागों मसलन, सिंचाई एवं जल संसाधन, गृह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिंचाई एवं जल संसाधन, खाद्य एवं रसद, राजस्व एवं राहत कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण के बीच बेहतर तालमेल हो। कल 30 जून तक नालों आदि की सफाई का कार्य पूर्ण करा लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति के लिए पर्याप्त रिजर्व स्टॉक जुटा लिया जाए। सभी 875 बाढ़ सुरक्षा समितियां रहें। अति संवेदनशील तथा संवेदनशील तटबंधों का डीएम-एसपी और एडीएम व डीएसपी स्वयं निरीक्षण करें। बाढ़ राहत कंट्रोल रूम 24×7 एक्टिव मोड में रहें। मौसम विभाग की सभी रिपोर्ट समय से फील्ड अधिकारियों को दी जाए।

महिलाओं बच्चियों को दें डिग्निटी किट
उन्होंने निर्देश दिए कि बाढ़ आपदा की स्थिति में स्थापित राहत कैम्पों में रहने वाली महिलाओं-किशोरियों को डिग्निटी किट उपलब्ध कराए जाएं। डिग्निटी किट में सैनेटरी पैड, साबुन, तौलिया, डिस्पोजे़बल बैग, बाल्टी, मास्क आदि शामिल हों।

राहत सामग्री की गुणवत्ता से समझौता नहीं
सीएम ने निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित लोगों को दी जाने वाली राहत सामग्री की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। राहत आयुक्त स्तर से खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। राहत सामग्री का पैकेट मजबूत हो, लोगों को कैरी करने में आसानी हो।

अवैध खनन पर करें कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नदियों के कैचमेंट एरिया में अवैध खनन कतई न हो। ऐसा हर अपराध के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी। बालू नीलामी के कार्य का भौतिक सत्यापन भी कराया जाए।

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