बिहारराज्य

कोकून संकट: छत्तीसगढ़ व झारखंड से आपूर्ति में 60% कमी, तसर सूत की कीमत 25 प्रतिशत बढ़ी

भागलपुर : बिहार के भागलपुर में अब कोकून संकट गहरा गया है। छत्तीसगढ़ व झारखंड से कोकून की आपूर्ति में कमी होने के कारण यहां सिल्क का उत्पादन प्रभावित होने लगा है। अभी यहां 200 करोड़ रुपये की सिल्क साड़ी व अन्य कपड़े तैयार करने का ऑर्डर मिला है, लेकिन कोकून नहीं मिलने से बुनकर धागा तैयार नहीं करवा पा रहे हैं। इस कारण बाहर के व्यापारियों को अब समय पर कपड़ा नहीं मिल सकेगा।

बुनकर कल्याण समिति के सदस्य अलीम अंसारी ने बताया कि भागलपुर में छत्तीसगढ़ व झारखंड से कोकून आता है। अब दोनों राज्यों में कई लोग खुद सिल्क के व्यवसाय से जुड़ गये हैं। ऐसी स्थिति में स्थानीय लोग ही कोकून खरीद ले रहे हैं, जिस कारण भागलपुर में आपूर्ति मात्र 40 प्रतिशत ही हो रही है। ऐसे में सिल्क के जो ऑर्डर मिले हैं उसमें मात्र 80 करोड़ का माल ही बुनकर तैयार कर पायेंगे। उन्होंने बताया कि भागलपुर के बुनकर सालाना छत्तीसगढ़ व झारखंड से औसतन 300 से 350 करोड़ रुपये का कोकून खरीदते थे। पिछले एक माह से दोनों राज्यों से मात्र 40 प्रतिशत ही कोकून उपलब्ध कराया जा रहा है। इस कारण यहां सिल्क के कपड़े को तैयार करने में परेशानी खड़ी हो गयी है।

कोकून संकट होने के बाद व्यापारियों ने तसर धागा की कीमत बढ़ा दी है। अभी छह हजार रुपये से बढ़कर एक किलो धागा की कीमत 7500 रुपये हो गयी है। चंपानगर के बुनकर हेमंत कुमार ने बताया कि दाम बढ़ने से सिल्क के व्यवसाय से जुड़े कई लोग धागा नहीं खरीद पा रहे हैं। इस कारण लूम बंद होना शुरू हो गया हे। लूम बंद होने से यहां भविष्य में बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो जाएगी। इसपर रेशम विभाग व सरकार को तत्काल सोचना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर जब तक कोकून का भंडारण नहीं होगा, तब तक बुनकरों को धागा व कोकून के लिए दूसरे राज्यों पर ही निर्भर रहना पड़ेगा।

जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक संजय कुमार वर्मा ने बताया कि भागलपुर में जल्द ही कोकून बैंक खोलने की तैयारी है। यहां केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा चार करोड़ की लागत से कोकून बैंक खोलने का प्रस्ताव है। इसपर तेजी से काम चल रहा है। यहां बैंक खुल जाने से भागलपुर व आसपास के बुनकरों को दूसरे राज्यों पर कोकून के लिए आश्रित नहीं रहना पड़ेगा।

Related Articles

Back to top button