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चीन में भूकंप पीड़ितों के लिए अब ठंड बनी चुनौती, 135 लोगों ने गंवाई जान व 900 से अधिक घायल

उत्तर पश्चिम चीन के सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्र में आए भूकंप से मची तबाही के बाद अब पीड़ितों के लिए ठंड चुनौती बन गई, जो अस्थायी शिविरों में शरण लिए हुए हैं। भूकंप से मची तबाही के मंजर के बीच एक तरफ अपनों को खोने का गम साल रहा है तो दूसरी ओर अपना जीवन फिर से कैसे पटरी पर लाएं, यह भी पीड़ितों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। भूकंप के एक पीड़ित हान झोंगमिन अपनी पत्नी की मदद से मलबे से कुछ बचे हुए सामान निकालते हुए कहते हैं, ‘‘देखिए इसे। एक रात में ही मेरा घर क्या बन गया।” झोंगमिन ने छह साल पहले ही अपना नया आशियाना बनाया था।

सोमवार रात को आए भूकंप में कई मकान मलबे में तब्दील हो गए हैं। भूकंप में कम से कम 135 लोगों की जान गई है तथा 900 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अधिकतर हताहत गांसू प्रांत से हैं जबकि शेष पास के किंघाई प्रांत से हैं। मा लियानकियांग एक तंबू जैसे अस्थायी आश्रय स्थल में कंबल में लिपटे अपनी मृत पत्नी के शव के बगल में खड़े रहे। उनकी बीमार पत्नी बेहतर देखभाल के लिए अपनी मां के घर गई थी लेकिन भूकंप में चपेट में आकर उसकी मौत हो गई। मा और उनके परिवार के अन्य सदस्य यंग्वा में अपने घर को हुई व्यापक क्षति के बावजूद बच गए, जो गांसु प्रांत में है। उनके पिता ने मा के बेटे को मलबे से बाहर निकाला।

मा का बेटा घायल हो गया है। उसके चाचा ने कहा कि उन्होंने भूकंप की आवाज सुनी और फिर घर भरभराकर गिरने लगा। चाचा मा चेंगमिंग ने कहा, ‘‘हम बेहद डर गए थे और हम सभी रेंग कर बाहर निकले।” प्रांत के अधिकारियों ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गांसू में लगभग 15,000 मकान ढह गए और 87,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित शिविरों में ले जाया गया है। तापमान शून्य से काफी नीचे गिर जाने के कारण कई लोगों ने क्षेत्र में स्थापित आश्रय स्थलों में रात बिताई। उत्तर में किंघाई में खोजकर्ता उस क्षेत्र में लापता 12 लोगों की तलाश कर रहे हैं, जहां भूस्खलन के कारण दो गांव जमींदोज हो गए।

शुरुआत में लापता लोगों की संख्या 20 से कम थी। सरकारी प्रसारक ‘सीसीटीवी’ के अनुसार प्रांत में मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। गांसू में अधिकारियों ने कहा कि उनका खोज और बचाव प्रयास मंगलवार दोपहर तक पूरा हो गया था। प्रांत में मरने वालों की संख्या 113 पर स्थिर है और घायलों की संख्या बढ़कर 782 और किंघाई में यह संख्या 198 हो गई है। इस प्रकार घायलों की कुल संख्या 1,000 के करीब पहुंच गई है। अस्थायी आश्रय के अंदर रहने वाले लोगों ने कहा, ‘‘अपर्याप्त भोजन और ठंड अब भी एक समस्या है।”

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