अन्तर्राष्ट्रीय

इंग्लैंड में हुआ मंकीपॉक्स वायरस का कम्युनिटी स्प्रेड

नई दिल्ली: मंकीपॉक्स संक्रमण की स्थिति इंग्लैंड में गंभीर होती जा रही है।  इंग्लैंड की एजेंसी यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने कहा है कि अब मंकीपॉक्स का वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर होने लगा है। इसके चलते इंग्लैंड में स्वास्थ्य एजेंसियों को अलर्ट किया गया है। 

मंकीपॉक्स को लेकर ब्रिटेन से  जो चौकाने वाली सूचना सामने आई है, उसके अनुसार इस बीमारी का प्रसार समलैंगिकों, बायसेक्सुअल और होमोसेक्सुअल के बीच तेजी से हो रहा है और इस समुदाय में स्पष्ट रूप से इस वायरस का सामुदायिक संक्रमण हो गया है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि अफ्रीका से बाहर अब तक 30 देशों से मंकीपॉक्स के 550 मरीज सामने आ चुके हैं। यूरोप और उत्तरी अमेरिका सहित दुनिया के कई हिस्से में मंकीपॉक्स बीमारी फैल गई है जिसके चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन को  आपातकालीन बैठक भी बुलानी पड़ी। 

मंकीपॉक्स ऑर्थोपॉक्स वायरस के कुल का है। यह एक वायरल जुनोसिस बीमारी है जिसका मतलब है कि यह एक ऐसा वायरस है जो  जानवरों से इंसानों में प्रवेश करता है। मध्य अफ्रीका (कांगों बेसिन ) और पश्चिमी अफ्रीका क्षेत्र इस बीमारी के मूल स्थान हैं।

मंकीपॉक्स में जो लक्षण दिखाई देते हैं वे हैं बुखार, सिर दर्द, शरीर पर रैशेज और फ्लू जैसे लक्षण। मंकीपॉक्स बीमारी का एक सबसे ख़ास लक्षण यह है कि इसमें इंसान की लसिका ग्रंथियों ( लिम्फ नोड्स ) में सूजन आ जाती है और यही लक्षण इसे स्मॉलपॉक्स से अलग करता है। लसिका ग्रंथियों में आई सूजन से ही इस बात का पता लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति को स्मॉलपॉक्स नहीं बल्कि मंकीपॉक्स हुआ है। मंकीपॉक्स स्मॉलपॉक्स की तुलना में अधिक माइल्ड होता है। 

मंकीपॉक्स स्मॉलपॉक्स की तुलना में सेल्फ लिमिटिंग होता है यानी ख़ुद ही एक निश्चित अवधि में अपने को   रोकता है और मरीज लगभग तीन सप्ताह में ठीक होता है। मंकीपॉक्स में मृत्यु दर की संभावना लगभग  10 प्रतिशत  होती है। मंकीपॉक्स और स्मालपॉक्स में एक मुख्य अंतर यह है कि मंकीपॉक्स जानवरों रोडेंट्स ( कुतरने वाले जीवों, बंदर,  गिलहरी के जरिये इंसानों में फ़ैल जाता है। जानवरों के संक्रमित रक्त के प्रत्यक्ष संपर्क में आने से , शरीर के फ्लूड से , जानवरों की कटी फटी त्वचा से या उनके काटने या खरोंच मारने  से इंसानों में मंकीपॉक्स का वायरस चला जाता है।

मंकीपॉक्स इंसानों से इंसानों में भी फैलता है लेकिन यह आमतौर पर नही बल्कि कुछ विशेष स्थिति में होता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छीकने पर निकले बूंदों के संपर्क में आने पर यह फैल सकता है।

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