नई दिल्ली (विवेक ओझा): भारत नियंत्रक और महालेखा परीक्षक ( CAG) ने स्वदेश दर्शन स्कीम से जुड़ी हालिया रिपोर्ट में बताया है कि तेलंगाना में टूरिज्म प्रोजेक्ट्स में कई वित्तीय अनियमितताएं ( Financial irregularities) मिली हैं। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि तेलंगाना में गोलकुंडा किले के पास स्थित कुतुबशाही मकबरे ( Qutub Shahi Tombs) के विकास और ट्राइबल बेल्ट्स के विकास में जितना पैसा खर्च किया जाना चाहिए उतना नहीं किया जा रहा है। तेलंगाना ने जो पैसे के उपयोग का सर्टिफिकेट सबमिट किया है उसमें 21.67 करोड़ रुपए का व्यय दर्शाया है जबकि वास्तविक खर्चे की राशि कम है।
इस वित्तीय अनियमितता पर कैग ने प्रश्न खड़े किए हैं। कैग ने पाया कि तेलंगाना में ट्राइबल सर्किट ( Tribal Circuit) और हैदराबाद में हेरिटेज सर्किट ( Heritage circuit) को विकसित करने के मामले में फंड, उचित मंजूरियों का अभाव, और मिसगाइडेड डिसीजन देखा गया है। फिजीबिलिटी या फील्ड सर्वे नहीं कराया गया और ऐसे ही मंजूरी दी गई। हयात बक्शी मस्जिद ( Hayat Bakshi mosque) और रेमंड टॉम्ब ( Raymond tombs) के रखरखाव और विकास में भी अनियमितता पाई गई है। इन दोनों को ही करीब 64 लाख की लागत से विकसित किया है या इनके रखरखाव पर पैसा लगाया गया है।
देश में पर्यटन स्थलों का विकास :
पर्यटन मंत्रालय ने ‘स्वदेश दर्शन’, ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन’ (प्रसाद)’ और ‘पर्यटन अवसंरचना विकास के लिए केंद्रीय एजेंसियों को सहायता’ योजनाओं के अंतर्गत देश में पर्यटन अवसंरचना के विकास के लिए राज्य सरकारों/केंद्र-शासित प्रदेशों/केंद्रीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान की है।
स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत कुल 5294.11 करोड़ रुपये की 76 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई है। प्रसाद योजना के अंतर्गत 1629.17 करोड़ रुपये की कुल 46 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। केंद्रीय एजेंसियों को सहायता योजना के अंतर्गत 2014-15 से 2023-24 (अब तक) की अवधि के दौरान 780.92 करोड़ रुपये की कुल 54 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई है।