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महामारी के समय में चुनाव कराना चुनाव आयोग के लिए एक परीक्षा

नई दिल्ली: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से लेकर मतगणना के दिन तक चुनाव आयोग के लिए कठिन परीक्षा साबित होने जा रहे हैं, इसलिए मतदाताओं और मतदान केंद्रों के लिए एक विस्तृत प्रोटोकॉल तैयार किया गया है। चुनाव आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों- यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की।

चुनाव संबंधी गतिविधियों के दौरान फेस मास्क से शुरुआत करते हुए और सामाजिक दूरी के मानदंडों को बनाए रखते हुए आयोग ने अपने सभी मतदान कर्मियों/सुरक्षा कर्मियों/ मतगणना कर्मचारियों को चुनाव संबंधी गतिविधियों में तैनात/संलग्न होने से पहले दोगुना टीकाकरण करने के लिए कहा है।

मतदान अभिकर्ता/मतगणना अभिकर्ता आदि को पूर्ण टीकाकरण के बिना मतगणना हॉल/मतदान केंद्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और जिन्होंने टीके नहीं लगवाए हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर कराए आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट पेश करनी होगी। ऐसे हॉल/कमरे/परिसर के सभी प्रवेश बिंदुओं पर सभी व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग और सभी प्रवेश बिंदुओं पर सैनिटाइजर का प्रावधान होगा।

चुनाव आयोग ने कहा कि राज्य स्तर, जिला स्तर और विधानसभा क्षेत्र स्तर के लिए एक नोडल स्वास्थ्य अधिकारी को पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान कोविड से संबंधित व्यवस्थाओं और निवारक उपायों की निगरानी के लिए नामित किया जाएगा।

अन्य प्रोटोकॉल में ईवीएम/वीवीपीएटी को संभालने वाले अधिकारियों के लिए दस्ताने और चुनाव सामग्री किट तैयार करना और सभी सुरक्षा, स्वच्छता और सामाजिक दूर करने के उपायों का पालन करते हुए एक विशाल और पर्याप्त रूप से बड़े हॉल में वितरित करना शामिल है। मतदान अधिकारी के लिए किट में जरूरत पड़ने पर पीपीई, मास्क, सैनिटाइजर, फेस शील्ड और दस्ताने शामिल होंगे।

चुनाव आयोग ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन किए जाने की अपेक्षा रखते हुए मतदान की व्यवस्था करने के आदेश जारी किए हैं।

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