डोकलाम से भी लंबा खिंच सकता है लद्दाख में टकराव, LAC पर हालात गंभीर
नई दिल्ली: लद्दाख में दोनों देशों के बीच तनाव लंबा खिंचने के आसार पैदा हो रहे हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच पीछे हटने पर सहमति कायम होने के बावजूद जमीन पर अमल होता नहीं दिखा रहा है। सेना के सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि एलएसी पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। चीन की तरफ से पीछे हटने की प्रक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।
गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद 22 जून को तय हुआ था कि दोनों सेनाएं छह जून को बनी सहमति के अनुरूप पीछे हटेंगी। बाद में निचले स्तर पर हुई बैठकों में इसका मैकेनिज्म भी तय हुआ था, लेकिन अभी चीन की तरफ से उस पर क्रियान्वयन शुरू नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार एलएसी पर स्थिति 22 जून से पहले वाली बनी हुई है।
दोनों तरफ सेना का जमावड़ा है। जिस अनुपात में चीन ने सेना बढ़ाई थी, उसी अनुरूप में भारत ने भी अपनी सेना बढ़ाई है। इसी प्रकार दोनों तरफ की वायुसेनाएं भी हाई अलर्ट पर हैं। भारत अपना रुख स्पष्ट कर चुका है कि उसने चीनी सेना के जमावड़े के जवाब में अपनी तैयारी की है।
सैन्य सूत्रों की मानें तो पहले दोनों पक्षों को अपने सैनिकों की संख्या धीरे-धीरे कम करनी होगी। इसके बाद जो नए स्थाई या अस्थाई ढांचे बने हैं, उन्हें खाली करना होगा। इस प्रक्रिया में अभी कई सप्ताह यहां तक की महीनों भी लग सकते हैं।
साफ है कि यह टकराव डोकलाम से भी लंबा खिंच सकता है जहां 72 दिनों के बाद चीनी सेना वापस हुई थी। सूत्रों ने कहा कि एलएसी पर प्रगति सिर्फ यह है कि 22 जून के बाद दोनों तरफ से कोई नई गतिविधि नहीं हुई है जिससे टकराव में इजाफा हो।