कांगोः युद्ध विराम के ऐलान के बाद भी विद्रोहियों ने एक और शहर पर किया कब्जा, न्याबिब्वे को नियंत्रण में लिया

गोमा : रवांडा समर्थित विद्रोहियों ने एकतरफा युद्ध विराम का एलान करने के बाद भी पूर्वी कांगो के एक और शहर पर कब्जा कर लिया। एम 23 विद्रोहियों ने प्रांतीय राजधानी बुकावु से 60 मील (96 किलोमीटर) दूर न्याबिब्वे शहर को अपने नियंत्रण में ले लिया। दक्षिण किवु प्रांत के नागरिक समाज के अध्यक्ष नेने बिंटौ ने बताया कि खनन शहर न्याबिब्वे एम23 के नियंत्रण में है। यह शहर बुकावु और गोमा के बीच में है, जिस शहर पर विद्रोहियों ने पिछले हफ्ते कब्जा कर लिया था और अभी भी उसका नियंत्रण है। इससे पहले सोमवार को एम23 विद्रोहियों ने सहायता के सुरक्षित मार्ग और सैकड़ों हजारों विस्थापित लोगों की अपील के बाद मानवीय आधार पर युद्धविराम की घोषणा की थी।
कांगो में संयुक्त राष्ट्र की उप प्रतिनिधि विवियन वैन डे पेरे ने बताया कि गोमा पर एम23 विद्रोहियों का कब्जा है। उनका संघर्ष विराम का एलान टूट गया है। गोमा और उसके हवाई अड्डे के बाहर जाने के सभी रास्ते विद्रोहियों और उन्हें समर्थन देने वाले रवांडा सैन्य बलों के नियंत्रण में हैं। शहर में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना की गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। कांगो के एक स्थानीय निवासी ने बताया कि विद्रोहियों ने न्याबिब्वे शहर पर कब्जा कर लिया है। हम हालात को लेकर परेशान हैं। लगता है कि एम 23 विद्रोहियों का युद्ध विराम सिर्फ दिखावा है। कांगो के अधिकारियों ने कहा कि विद्रोही गठबंधन युद्ध विराम का उल्लंघन कर रहा है। उनका युद्ध विराम का वादा झूठा था।
कांगो के अधिकारियों ने एम23 राजनीतिक नेताओं में से एक कॉर्निले नांगा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के अभियोक्ता कार्यालय ने भी बुधवार को पूर्वी कांगो में किए गए अत्याचारों के संबंध में सूचना और साक्ष्य प्रस्तुत करने का आह्वान किया। कहा गया कि कार्यालय किसी भी व्यक्ति द्वारा किए गए कथित अपराधों की जांच करना जारी रखेगा। चाहे उसकी संबद्धता या राष्ट्रीयता कुछ भी हो। यह किसी विशेष व्यक्ति, पार्टी या विशिष्ट समूह के सदस्यों तक सीमित नहीं रहेगा।
गोमा पूर्वी कांगो का एक प्रमुख व्यापारिक और मानवीय केंद्र है। शहर में 20 लाख लोग रहते हैं, जिनमें हजारों विस्थापित भी शामिल हैं। यहां एम23 के विद्रोही लगातार कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। एम23 को रवांडा का समर्थन प्राप्त है। उसने 2012 में भी गोमा पर अस्थायी रूप से कब्जा कर लिया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद पीछे हट गया था। 2021 के अंत से यह समूह फिर सक्रिय हो गया है और पूर्वी कांगो के खनिज-संपन्न क्षेत्रों पर कब्जे के लिए लड़ रहा है। कांगो सरकार और संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों का आरोप है कि रवांडा इस समूह को हथियार और प्रशिक्षण दे रहा है, जिसे रवांडा ने खारिज किया है।
दक्षिण अफ्रीका के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एम23 विद्रोहियों की गोलाबारी के कारण लगभग 6 लाख लोग गोमा से पलायन करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि शहर में मानवीय सहायता ठप पड़ी है। विद्रोहियों की ओर से गोमा हवाई अड्डे पर दागे गए मोर्टार हमले में चार दक्षिण अफ्रीकी शांति सैनिकों की मौत हो चुकी है। अब तक इस संघर्ष में 17 शांति सैनिक और विदेशी सैनिक मारे जा चुके हैं। गौरतलब है कि कांगो में दशकों से चल रहे संघर्ष की वजह अब तक 60 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े मानवीय संकटों में से एक है।