देहरादून: उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ चयन आयोग द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में गडबडी की जांच के बीच विधानसभा में हुई भर्तियों में भी कथित ‘घोटाले’ के लग रहे आरोपों को लेकर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ आक्रमक रुख अपना लिया है।
कांग्रेस का आरोप है कि प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के पिछली विधानसभा में अध्यक्ष पद पर रहते हुए भर्तियों में बडे स्तर पर अनियमितताएं हुईं और उस दौरान नेताओं के रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों को विधानसभा में नौकरियां बांटी गयीं। इस संबंध में इंटरनेट पर अग्रवाल के कार्यकाल की अवधि में हुई 74 भर्तियों की एक सूची भी प्रसारित हो रही है। इसके जवाब में, कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष रहे गोविंद सिंह कुंजवाल द्वारा की गयी 178 भर्तियों की एक और सूची भी प्रसारित हो रही है।
हालांकि, इसके बारे में पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा कि उनके अध्यक्ष रहने के दौरान विधानसभा में हुई नियुक्तियों में कोई अनियमितता नहीं हुई। अग्रवाल ने संवाददाताओं के इस संबंध में एक प्रश्न के जवाब में कहा, ‘‘ मेरे कार्यकाल में जरूरत के हिसाब से भर्तियां की गयी, जो एक नियमित प्रक्रिया है। इसमें नियमों का सख्ती से पालन किया गया और कोई अनियमितता नहीं हुई। नियुक्तियों से पहले परीक्षा भी ली गई।”
वहीं, कांग्रेस ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विधानसभा के बाहर धरना भी दिया था। कुंजवाल ने भी इस संबंध में पूछे जाने पर ऐसा ही बयान दिया और कहा कि उनके कार्यकाल में हुई भर्तियों को उत्तराखंड उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय भी सही ठहरा चुके हैं।उन्होंने कहा, ‘‘ जो लोग मेरे कार्यकाल में हुई भर्तियों पर उंगली उठा रहे हैं, वे न्यायालय की अवमानना के दोषी हैं।” इससे पहले, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को कहा था कि वह इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी से जांच करवाने का अनुरोध करेंगे और राज्य सरकार इसमें पूरा सहयोग देगी।
धामी ने कहा था, ‘‘ विधानसभा हमारी एक संवैधानिक संस्था है। मैं विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध करूंगा कि भर्ती में गडबडी चाहे किसी के भी कालखंड में हुई हो, उसकी जांच करवाएं, राज्य सरकार उसमें पूरा सहयोग करेगी।”