देहरादून। उत्तराखंड भाजपा विधानसभा चुनावों में राज्य में कथित तौर पर वादा किए गए ‘मुस्लिम विश्वविद्यालय’ को लेकर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को घेरकर राजनीतिक लाभ हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। भाजपा का दावा है कि 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अल्पसंख्यक वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए कांग्रेस द्वारा मुस्लिम विश्वविद्यालय विवाद को तीव्र गति दी गई है।
उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष अकील अहमद ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड में एक मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थापित करने का आश्वासन दिया था। कांग्रेस पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने अहमद के दावों का खंडन किया है, भाजपा ने कहा है कि विपक्षी दल समुदाय के लिए राज्य में मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थापित करने का वादा करके कुछ विधानसभा क्षेत्रों में ‘मुस्लिम मतदाताओं का ध्रुवीकरण’ करने की कोशिश कर रहा है।
उत्तराखंड भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि कांग्रेस नेताओं ने सुनियोजित रणनीति के तहत कहा कि हरीश रावत ने राज्य में एक मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थापित करने का वादा किया है। उन्होंने कहा, “अपमानजनक हार को देखकर कांग्रेस धार्मिक आधार पर चुनाव का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है।”
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मुस्लिम विश्वविद्यालय का वादा करने के लिए कांग्रेस पर हमला किया और कहा कि ‘समुदाय विशिष्ट विश्वविद्यालय’ बनाकर कांग्रेस राज्य में तुष्टिकरण का जहर फैला रही है।
नड्डा ने सोमवार शाम देहरादून कैंट विधानसभा सीट पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “समुदाय विशिष्ट विश्वविद्यालय के नाम पर कांग्रेसी अब तुष्टिकरण का जहर फैला रहे हैं। चुनाव के समय ये लोग उत्तराखंड के लोगों को क्या संदेश देना चाहते हैं? विश्वविद्यालय के नाम पर कांग्रेस नेता समाज को बर्बाद कर रहे हैं।” उत्तराखंड से भाजपा के राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम समुदाय के साथ ‘वोट बैंक’ जैसा व्यवहार कर रही है और विश्वविद्यालय का वादा कर अल्पसंख्यक समुदाय को खुश करने की कोशिश कर रही है।
विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर जंग चुनाव आयोग के दरवाजे तक पहुंच गई है और कांग्रेस पार्टी की शिकायत पर भगवा पार्टी और उसके नेता को नोटिस जारी किया गया है। आयोग को अपनी शिकायत में, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड भाजपा और उसकी युवा शाखा भाजयुमो के राष्ट्रीय सचिव तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने हरीश रावत की मॉफ्र्ड तस्वीरें ट्वीट की हैं।
नोटिस का जवाब देते हुए, उत्तराखंड के मुख्य चुनाव अधिकारी को लिखे एक पत्र में, बग्गा ने कहा कि उनका मतलब हरीश रावत का अपमान करना नहीं था, बल्कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के संस्थापक सर सैयद अहमद खान के साथ कांग्रेस नेता की तुलना करके उनकी प्रशंसा कर रहे थे।
बग्गा ने आगे लिखा, “क्या हरीश रावत सर सैयद अहमद खान के साथ समानांतर चित्रण को उनका अपमान मानते हैं? सैयद अहमद खान देश में एक इस्लामी विश्वविद्यालय स्थापित करने वाले पहले नेता थे और हरीश रावत ऐसा करने वाले दूसरे व्यक्ति होंगे। हालांकि, अगर हरीश रावत को लगता है कि यह उनका अपमान है, उन्हें इसे लिखित में देना होगा और मैं अपना ट्वीट हटा दूंगा।”