कांग्रेस का दावा, पश्चिम बंगाल में ‘न्याय यात्रा’ निकालने के लिए मंजूरी मिलने में हो रही परेशानी
नई दिल्ली: कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी को राज्य में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के हिस्से के रूप में कुछ जनसभाओं के आयोजन को मंजूरी प्राप्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां सिलीगुड़ी में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि राज्य प्रशासन को बहुत पहले ही यात्रा के कार्यक्रम से अवगत करा दिया गया था। उन्होंने कहा, ”कुछ स्थानों पर परीक्षाओं का हवाला देते हुए हमें जनसभाएं करने की मंजूरी नहीं मिल रही है और हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
भारत जोड़ों न्याय यात्रा को असम सहित पूर्वोत्तर में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है और अब हम तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित पश्चिम बंगाल में भी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ”हमें सिलीगुड़ी में जनसभा करने की मंजूरी नहीं दी गयी। हम राज्य सरकार से बेहतर सहयोग की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन कोई (बात) नहीं, कुछ बदलावों को छोड़कर यात्रा का मार्ग और कार्यक्रम वही रहेगा।” राहुल गांधी नीत यात्रा को संविधान की रक्षा के लिए एक आंदोलन करार देते हुए चौधरी ने दावा किया कि इसका लोकसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।
बृहस्पतिवार रात को इस मुद्दों पर चौधरी ने कहा, ‘हमने सोचा था कि पश्चिम बंगाल में कुछ स्थानों पर हमें जनसभाएं करने के लिए रियायत मिलेगी लेकिन प्रशासन कह रहा है कि वे मंजूरी नहीं दे सकते।’ मणिपुर में 14 जनवरी से शुरू हुई राहुल गांधी की अगुवाई वाली यह यात्रा बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल पहुंची और दो दिनों तक राज्य में रुकी रहेगी। यात्रा 28 जनवरी से शुरू होगी। वहीं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने हालांकि दावा किया कि पश्चिम बंगाल में प्रशासन राजनीतिक प्रभाव से मुक्त है।
टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा, ”विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के पश्चिम बंगाल में टूटने की वजह अधीर चौधरी ही हैं। दूसरी बात, सभी विपक्षी दल राज्य में कार्यक्रम करते हैं, किसी को कोई परेशानी नहीं होती। स्कूलों में बोर्ड परीक्षाएं होने के कारण प्रशासन ने यह फैसला लिया होगा।” भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुद्दे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस को अपने सहयोगी दल से ‘सत्तावाद’ का स्वाद मिल रहा है।
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ”क्या पश्चिम बंगाल पर टीएमसी का स्वामित्व है और क्या वे तय करेंगे कि किसे रैली करने की अनुमति मिलेगी और किसे नहीं? भाजपा की शिकायत करने वाली कांग्रेस को अब अपने ही सहयोगी टीएमसी से सत्तावाद का स्वाद मिल रहा है।”