रायपुर : मिशन 2024 के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने घोड़े दौड़ाना शुरू कर दी है। इसी बीच रायपुर में आज से तीन दिवसीय कांग्रेस महाधिवेशन भी शुरू होने जा रहा है, जहां लोकसभा चुनाव के लिए संभावित गठबंधन पर चर्चा करेगी। दूसरी ओर खबर यह भी आ रही है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी के चुनाव को लेकर पार्टी में हलचल तेज हैं। खबर है कि चुनाव की चर्चा को लेकर होने वाली बैठक से गांधी परिवार दूरी बना सकता है। हालांकि, पार्टी की ओर से अब तक आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। इससे पहले CWC के चुनाव 1997 में तत्कालीन अध्यक्ष सीताराम केसरी के काल में हुए थे। इस बैठक से राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा दूरी बना सकते हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा था, ‘हम चुनाव के लिए तैयार हैं। सभी तैयारियां कर ली गई हैं। अगर फैसला चुनाव के पक्ष में आता है, तो चुनाव कराए जाएंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि आज यानि शुक्रवार से शुरू हो रहे कांग्रेस के महाधिवेशन के चलते छत्तीसगढ़ की राजधानी इस समय होर्डिंग्स, बैनर और पोस्टरों से सजा हुआ है। तीन दिन तक चलने वाले इस महाधिवेशन में देश की सबसे पुरानी पार्टी वर्ष 2024 की चुनावी रणनीति और संगठनात्मक सुधारों को रफ्तार देने पर चर्चा करेगी। 24 से 26 फरवरी तक चलने वाले इस महाधिवेशन में देशभर के करीब पंद्रह हजार पार्टी नेता हिस्सा लेंगे।
बता दें कि कांग्रेस का यह महाधिवेशन ऐसे वक्त में हो रहा है, जब पार्टी सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है। पार्टी की सिर्फ तीन राज्यों में सरकार है। इस साल छत्तीसगढ़ सहित नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव है। वहीं, पार्टी पर आगामी लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने का दबाव है। इसके साथ पार्टी अपने संविधान में भी कई अहम बदलाव कर रही है।
महाधिवेशन में सबसे अहम सवाल कांग्रेस कार्यसमिति के चुनाव को लेकर है। पार्टी के अंदर सीडब्ल्यूसी चुनाव को लेकर भ्रम की स्थिति है। ऐसे में शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में संचालन समिति की बैठक में सीडब्ल्यूसी चुनाव के बारे में निर्णय किया जाएगा। पार्टी चुनाव का फैसला करती है तो 26 साल बाद चुनाव होंगे।
कांग्रेस उदयपुर नवसंकल्प में सीडब्ल्यूसी सहित संगठन में पचास फीसदी हिस्सेदारी पचास वर्ष से कम आयु के नेताओं को देने का फैसला कर चुकी है। इसके साथ पार्टी ने तय किया है कि वह दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों को भी हिस्सेदारी देगी। सीडब्ल्यूसी के चुनाव होने की स्थिति में पार्टी को इस पर अमल करना मुश्किल होगा।
पार्टी वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन की संभावनाओं पर चर्चा करेगी। पार्टी महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि हम गठबंधन पर चर्चा करेंगे, पर विपक्ष का कोई भी गठबंधन कांग्रेस के बिना सफल नहीं हो सकता। इसलिए पार्टी खुद को केंद्र में रखकर विपक्षी एकता का खाका तैयार करेगी।
महाधिवेशन में पार्टी राजनीतिक, आर्थिक, किसान एवं कृषि, सामाजिक न्याय, युवा और शिक्षा विषय पर प्रस्ताव पारित करेगी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। इसलिए, अधिवेशन में पारित किए जाने वाले प्रस्तावों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में की जाने वाली घोषणाओं का उल्लेख मिलेगा।
अंबिका सोनी, भूपेंद्र हुड्डा, दिग्विजय सिंह, ओमन चांडी, पवन बंसल, सिद्धरमैया, रमेश चेनिन्थेला, तारिक अनवर, सलमान खुर्शीद, शैलजा कुमारी, कमलनाथ, पृथ्वी राज चव्हाण और जयराम रमेश जैसे दिग्गज नेता कार्य समिति में चुने जा सकते हैं। इसके साथ प्रियंका गांधी वाड्रा, सचिन पायलट, दीपेंद्र हुड्डा, अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला, मिलिंद देवड़ा और भंवर जितेंद्र सिंह को भी सीडब्लूसी में जगह मिल सकती है।
जानकारी के लिए बता दें कि अगले वर्ष यानि 2024 में आम चुनाव होने वाले हैं। इसी को लेकर सभी दल अपनी-अपनी पकड़ मजबूत करने में लग गए हैं। यहां तक कि महागठबंधन की सुगबुहाट होने लगी है। कांग्रेस भी यही चाहती है कि मोदी रथ को रोकने के लिए गठबंधन जरूरी है। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि उसके बगैर कोई विपक्षी गठबंधन सफल नहीं हो सकता। ऐसे में पार्टी महाधिवेशन में गठबंधन की रुपरेखा तैयार कर समान विचारधारा वाली पार्टियों को साथ लेने की कोशिश कर सकती है। लेकिन, विपक्षी एकता बहुत आसान नहीं है।