कांग्रेस सीडब्ल्यूसी की बैठक आज, असंतुष्ट जी-23 खेमा फिर भी नाखुश
अगले साल पांच राज्यों में आसन्न विधानसभा चुनावों में अस्तित्व बचाए रखने की महती राजनीतिक चुनौती लगातार कमजोर हो रहे संगठन को लेकर पार्टी के अंदर से ही उठ रहे सवालों के बीच कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की शनिवार को महत्वपूर्ण बैठक हो रही है. इस बैठक में संगठन चुनाव कराने पर फैसला होने की पूरी संभावना है. इस कड़ी में पार्टी सदस्यता अभियान शुरू करने पर व्यापक दिशा-निर्देश दिए जाने के भी संकेत हैं. इसके अलावा बैठक में राजनीतिक कृषि समेत तीन प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे. गौरतलब है कि सीडब्ल्यूसी की यह बैठक पार्टी के असंतुष्ट जी-23 (G-23) खेमे की मांग पर बुलाई गई है, मगर जी-23 खेमा कार्यसमिति के केवल मुख्य सदस्यों के बजाय आमंत्रित सदस्यों राज्यों के प्रभारियों को भी इसमें बुलाए जाने से नाखुश है. इस लिहाज से देखें तो सीडब्ल्यूसी में असंतोष के तीखे सुर उठने की भी प्रबल संभावना है.
कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार सीडब्ल्यूसी की बैठक में 56 सदस्यों को निमंत्रित किया गया है. इनमें राज्यों के प्रभारी विशेष आमंत्रित सदस्य भी शामिल हैं, जबकि जी-23 की अगुआई कर रहे गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जो पत्र लिखा था उसमें कार्यसमिति के केवल मुख्य सदस्यों की ही बैठक में बुलाने की मांग रखी थी. अहमद पटेल मोतीलाल वोरा के निधन के बाद कार्यसमिति में अभी 20 सदस्य हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस समय अस्वस्थ होने की वजह से एम्स में भर्ती हैं. ऐसी स्थिति में उनके बैठक में शामिल होने की संभावना नहीं के बराबर ही है.
इस लिहाज से देखें तो कार्यसमिति के 19 मुख्य सदस्य ही बैठक में रहेंगे जिनमें असंतुष्ट खेमे के केवल दो ही सदस्य हैं. वे हैं गुलाम नबी आजाद आनंद शर्मा. एक समय असंतुष्ट खेमे में रहे मुकुल वासनिक नेतृत्व को बहुत असहज करेंगे, इसकी गुंजाइश नहीं दिखती. वहीं पी. चिदंबरम तटस्थ रहते हुए भी नेतृत्व की सियासी लाइन-लेंथ से बहुत अलग नहीं रहे हैं. इनके अलावा बैठक में बुलाए गए अधिकांश सदस्य कांग्रेस नेतृत्व के राजनीतिक दृष्टिकोण फैसले के साथ रहेंगे. यानी बैठक में हाईकमान के फैसलों पर ही एक सुर से मुहर लगनी तय है. हालांकि संकेत हैं कि जी-23 खेमा नए अध्यक्ष के चुनाव से लेकर अपने नेताओं के पार्टी छोड़ने के मुद्दे को उठाने से पीछे नहीं हटेगा.