पूर्वोत्तर में कांग्रेस फेल, मगर पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में मिली जीत
नई दिल्ली (New Delhi)। तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेस (Congress) एक बार फिर पूर्वोत्तर के तीन राज्यों (three northeastern states) में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई। त्रिपुरा में वामदलों के साथ गठबंधन (Alliance with Left in Tripura) भी पार्टी को सत्ता तक नहीं पहुंचा सका। हालांकि, पार्टी को गठबंधन का फायदा मिला और वह तीन सीट जीतने में सफल रही। वहीं, दूसरी तरह पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु उपचुनाव में पार्टी ने जीत दर्ज की।
त्रिपुरा में कांग्रेस और वामदलों ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था। पार्टी को गठबंधन की जीत की भरोसा था, पर ऐसा नहीं हुआ। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने हार के कारणों पर विचार करने को कहा है। कांग्रेस इन चुनावों में आठ फीसदी वोट के साथ तीन सीट जीती है। जबकि 2018 के चुनाव में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी। वोट भी सिर्फ डेढ़ फीसदी था।
यह भी पढ़ें | जीत की आस अंत में बदली हार में, पूर्वोत्तर के इन 3 राज्यों के नतीजों में रहा क्रिकेट जैसा रोमांच!
वर्ष 2018 की तरह इन चुनाव में भी कांग्रेस अपना खाता नहीं खोल पाई थी। पर पार्टी के वोट दो फीसदी वृद्धि के साथ साढ़े तीन प्रतिशत हो गया है। पार्टी को सबसे बड़ा झटका मेघालय में लगा है। वर्ष 2018 के चुनाव में पार्टी को 28 फीसदी वोट के साथ 21 सीट मिली थी। लेकिन, कुछ वक्त बाद ही सभी विधायक तृणमूल कांग्रेस और दूसरी पार्टियों में शामिल हो गए थे।
मेघालय में कांग्रेस सिर्फ पांच सीट जीतने में सफल रही है। इसके साथ पार्टी को वोट प्रतिशत भी करीब 15 फीसदी कम हुआ है। वर्ष 2018 में पार्टी को 28.5 प्रतिशत वोट मिला था, पर इस बार 13 फीसदी रह गया है। दरअसल, पूर्वोत्तर कांग्रेस का गढ़ रहा है, पर पिछले आठ दस वर्षों से वहां दस वर्षों में पार्टी की स्थिति लगातार कमजोर हुई है।
पूर्वोत्तर में पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा, पर पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में पार्टी ने उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया। पश्चिम बंगाल में बड़ा उलटफेर करते हुए कांग्रेस के देबाशीष बनर्जी ने सागरदिघी सीट जीत ली। इस तरह पश्चिम बंगाल विधानसभा में वह पहले कांग्रेस विधायक होंगे। क्योंकि, विधानसभा चुनाव में पार्टी को कोई सीट नहीं मिली थी।
इसके अलावा, महाराष्ट्र में भी कांग्रेस कस्बापेठ सीट चुनाव जीतने में सफल रही। वर्ष 1995 के बाद इस सीट पर लगातार भाजपा जीत दर्ज करती रही है। वहीं, तमिलनाडु की इरोड पूर्व सीट से पार्टी उम्मीदवार ईवीके एस ईलनगोवन जीत दर्ज करने में सफल रहे हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश उपचुनावों में जीत को उत्साहजनक मानते हुए कहा कि यह सकारात्मक है।