ट्वीट, वीडियो सब हो गया, अब लाओ सूची…?
बसों पर राजनीति में उलझी कांग्रेस, अपने ही दांव से चित हुई
लखनऊ (अमरेन्द्र प्रताप सिंह): प्रवासी मजदूरों को लेकर हो रही बसों की राजनीति में कांग्रेस पार्टी अब खुद फंसती नजर आ रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रमिकों पर हो रही सियासत पर करारा जवाब देते हुए कांग्रेस को उसी के दांव से चित कर दिया है।
सीएम योगी के निर्देश पर सरकार ने एक पत्र जारी कर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का प्रस्ताव मान लिया है, जिसमे उन्होंने बसें चलाने की अनुमति मांगी थी। साथ ही अविलम्ब एक हजार बसों की सूची, चालक और परिचालक का नाम व अन्य विवरण मांग लिया है। सीएम योगी के इस पलटा-दांव में फंसी कांग्रेस खबर लिखे जाने तक सरकार को सूची नहीं दे पायी है।
गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों से कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी एवं कांग्रेस पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसों की अनुमति को लेकर लगातार बयानबाजी हो रही थी।
प्रियंका गांधी ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा था कि यह राजनीति का समय नहीं है। योगी सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए बसें चलाने की अनुमति दे। उन्होंने वीडियो में उन बसों को दिखाया भी था जिनकी व्यवस्था कांग्रेस पार्टी ने प्रवासी मजदूरों के लिए की थी। कांग्रेस महासचिव ने इस मामले में योगी को एक पत्र लिखे जाने का हवाला देते हुए, कांग्रेस पार्टी के खर्चे पर बसें चलाये जाने की अनुमति मांगने की बात कही थी।
योगी ने पूछा, औरैया में भिड़ने वाले दोनों ट्रक कांग्रेस शासित राज्यों के
इससे पहले सोमवार को ही कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस वैश्विक महामारी के समय में कांग्रेस पार्टी द्वारा की जा रही नकारात्मक एवं ओछी राजनीति की निन्दा होनी चाहिए। कांग्रेस नेतृत्व को समझना चाहिए कि औरैया में प्रवासी श्रमिकों की मौत के लिए जिम्मेदार एक ट्रक पंजाब से तथा दूसरा राजस्थान से आया था।
कहा था, सहयोग देने में रूचि हो तो अनुमति मिलेगी
सोमवार को ही मुख्यमंत्री ने उपरोक्त मामले पर कहा था कि कोरोना संकट में अगर कोई संस्था अथवा दल सहयोग देने में रुचि लेना चाहता है तथा प्रदेश सरकार को सूची (प्रवासी श्रमिक एवं साधनों की) भेजेगा, तो उन्हें अवश्य अनुमति मिलेगी, उसका स्वागत भी होगा। हमें बसों और श्रमिकों की सूची चाहिए ताकि हम आश्वस्त हो सकें कि सभी प्रवासी उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और हम उन्हें सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचा सकते हैं, लेकिन तीन दिन से कोई सूची कांग्रेस ने नहीं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा था, ओछी राजनीति न करें
योगी ने कांग्रेस पर प्रवासी श्रमिकों और कामगारों का मजाक बनाने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि महामारी के इस समय में कांग्रेस के नेता ”ओछी राजनीति” ना करें। उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को बिहार और झारखंड ले जाने के लिए उनसे भारी पैसा लिया गया था।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा, तब क्या कर रहे थे ये लोग, यानी शोषण भी करेंगे और फिर ईमानदारी का चेहरा भी दिखाएंगे, सौ चूहे खाकर बिल्ली हज करने चली, ये कहावत आज कांग्रेस नेतृत्व की हो गयी है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि ये कांग्रेस का बहुत शर्मनाक चेहरा है।
सीएम ने ट्वीट करके कांग्रेस से पूछे थे चार सवाल
योगी सरकार के आधिकारिक अकाउंट से सोमवार को ट्वीट किया गया कि मजदूरों की मददगार बनने का स्वांग रच रही कांग्रेस से मजदूर भाइयों और बहनों के कुछ सवाल। इस के बाद आगे लगातार चार ट्वीट करके सवाल पूछे गए।
प्रश्न 1:. जब आपके पास 1000 बसें थीं, तो राजस्थान और महाराष्ट्र से ट्रकों में भरकर हमारे साथियों को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व बंगाल क्यों भेज रहे हैं?
प्रश्न 2:. औरैया में हुई दर्दनाक सड़क दुर्घटना से पूरा देश आहत है। एक ट्रक पंजाब से और दूसरा राजस्थान से आ रहा था। क्या @INCIndia और @priyankagandhi जी इस दुर्घटना की जिम्मेदारी लेंगी ? हमारे साथियों से माफी मांगेंगी?
प्रश्न 3: .@priyankagandhi जी कहती हैं कि उनके पास 1000 बसें हैं। यह और बात है कि अब तक इन बसों की सूची तक उपलब्ध नहीं कराई गई, न ही हमारे साथियों की। बसों और हमारे साथियों की सूची उपलब्ध करा दी जाए, जिससे उनके कार्य ट्विटर नहीं धरातल पर दिखें।
प्रश्न 4:. देशभर में जितनी भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल रही है उनमें से आधी से ज्यादा ट्रेनें उत्तर प्रदेश ही आईं है। अगर प्रियंका वाड्रा जी को हमारी इतनी ही चिंता है तो वो हमारे बाकी साथियों को भी ट्रेनों से ही सुरक्षित भेजने का इंतजाम कांग्रेस शासित राज्यों से क्यों नहीं करा रहीं?