नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में अभी दो साल बाकी हैं। पर, राजनीतिक दलों ने वर्ष 2024 के लिए सियासी गोटी बिछानी शुरू कर दी है। कई क्षेत्रीय दल जहां विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम में जुटे हैं। वहीं, कांग्रेस ने पूरे देश में केंद्र सरकार के खिलाफ जन समर्थन तैयार करने के लिए भारत जोड़ो यात्रा शुरू कर विपक्ष की अगुआई को लेकर अपनी दावेदारी जता दी है।
कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा के जरिए पार्टी जनता की नब्ज टटोलने के साथ लोगों के बीच राहुल गांधी की छवि को मजबूत बनाने की कोशिश करेगी। पार्टी लगातार यह कह रही है कि अन्य यात्रियों की तरह राहुल भी एक यात्री हैं, पर हकीकत यह है कि यात्रा का खाका उन्हें केंद्र में रखकर बनाया गया है और यात्रा में सिर्फ उनके पोस्टर बैनर हैं।
यात्रा के जरिए कांग्रेस सत्तापक्ष के साथ अपने सहयोगियों को भी साफ संदेश दे रही है। पार्टी खुद को मजबूत करते हुए विपक्षी खेमे में अपना दबदबा बरकरार रखना चाहती है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के मुताबिक, पार्टी पहले से अधिक आक्रामक और सक्रिय होगी। अब हमारे मित्र और विरोधी कांग्रेस को हल्के में नहीं ले सकेंगे। यात्रा से पार्टी को मजबूती मिलेगी।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, विपक्ष के पास कांग्रेस के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। विपक्ष की तरफ से जितने नेता भी दावेदारी जता रहे हैं, वह अपने-अपने राज्य तक सीमित हैं। ममता बनर्जी के पास पश्चिम बंगाल की 42 में से 23 सीट हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के पास कुल 17 में से 9 सीट हैं। ऐसे में ममता और के चंद्रशेखर राव का प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनना आसान नहीं है। उन्हें दूसरे विपक्षी दल की जरूरत पड़ेगी। वहीं, खराब प्रदर्शन के बावजूद कांग्रेस के पास 20 फीसदी वोट हैं।
इतना ही नहीं, लोकसभा की करीब 200 सीट पर उसका भाजपा के साथ सीधा मुकाबला होता है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा का 192 सीट पर सीधा मुकाबला हुआ था, इनमें से 176 सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। पार्टी के एक नेता ने कहा कि हम 2024 में इससे बेहतर प्रदर्शन करेंगे।