राष्ट्रीय

अदाणी के खिलाफ जांच की मांग को लेकर कांग्रेस नेता ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

नई दिल्ली : कांग्रेस के एक नेता ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में अदाणी समूह की कंपनियों के खिलाफ जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, साथ ही उद्यमों के एफपीओ में भारी मात्रा में सार्वजनिक धन का निवेश करने पर भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और एसबीआई की भूमिका की भी जांच की मांग की है। अधिवक्ता वरिंदर कुमार शर्मा के माध्यम से जया ठाकुर द्वारा दायर याचिका में शीर्ष अदालत से अदाणी समूह की कंपनियों के खिलाफ जांच का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।

आरोप लगाया गया है कि समूह के चेयरमैन व उनके सहयोगियों ने सीबीआई, ईडी, डीआरआई, सीबीडीटी, ईआईबी, एनसीबी, सेबी, आरबीआई, एसएफआईओ आदि के जरिए लाखों करोड़ की ठगी की है। मामले की शीर्ष अदालत के सिटिंग जज की देखरेख और निगरानी में जांच की मांग की गई है।

याचिका में कहा गया है कि एजेंसियों अदाणी इंटरप्राइजेज के एफपीओ में 3200 रुपये प्रति शेयर की दर से सार्वजनिक धन का निवेश किया, जबकि बाजार में अदाणी इंटरप्राइजेज के शेयर लगभग 1800 रुपये प्रति शेयर थे।

दलील में कहा गया है कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट द्वारा किए गए खुलासे के बाद, अदाणी समूह की कंपनियों के शेयर की कीमत में भारी गिरावट आई और 24 जनवरी को भारत के विभिन्न शेयर बाजारों में प्रचलित कीमत के लगभग 50 प्रतिशत तक पहुंच गया। इसकी वजह से देश के लाखों लोगों को 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ।

केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि मौजूदा ढांचा, जिसमें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और अन्य एजेंसियां शामिल हैं, अदाणी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उत्पन्न स्थिति को संभालने के लिए सक्षम हैं।

Related Articles

Back to top button