शीतकालीन सत्र में कांग्रेस ने सरकार को घेरने का बनाया मास्टरप्लान
भोपाल : मध्यप्रदेश में 16 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस, भाजपा की मोहन सरकार को घेरने की तैयारी में है। कांग्रेस का निशाना सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के विभाग रहेंगे। कानून-व्यवस्था, पदोन्नति, ओबीसी आरक्षण, महिला और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग पर अत्याचार, कृषि, पंचायत, ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, आवास, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कांग्रेस सरकार से जवाब मांगेगी। साथ ही, राज्य की अर्थव्यवस्था और निवेश प्रस्तावों की स्थिति पर भी कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी में है।
कांग्रेस ने अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग पर पिछले दस महीनों में हुए अत्याचारों की जांच के लिए अलग-अलग दलों का गठन किया था। इन दलों की रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस विधानसभा में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा करेगी। भोपाल में एमडी ड्रग्स का मामला, मादक पदार्थों का बढ़ता उपयोग, अपहरण, महिलाओं और बच्चियों पर अत्याचार की घटनाओं को कांग्रेस प्रमुखता से उठाएगी। इसके साथ ही, कर्मचारियों की पदोन्नति और ओबीसी आरक्षण पर सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की जाएगी.
राज्य में आठ साल से पदोन्नतियां रुकी हुई हैं। हजारों कर्मचारी पदोन्नति के बिना ही सेवानिवृत्त हो गए हैं। कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया था लेकिन मामला अभी भी न्यायालय में लंबित है और 13 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर रोक लगी हुई है। लोक निर्माण विभाग में अनियमितता के मामले लगातार सामने आ रहे हैं और कई परियोजनाओं पर अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है।
भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले किसानों से 2,700 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं और 3,100 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदने, महिलाओं को लाडली बहना योजना में 3,000 रुपये देने, मुख्यमंत्री लाडली बहना आवास योजना लागू करने जैसे कई वादे किए थे, लेकिन अभी तक इन वादों को पूरा नहीं किया गया है। शहरों के मास्टर प्लान अटके हुए हैं और घर-घर नल से जल पहुंचाने की योजना में भी अनियमितताएं सामने आ रही हैं। कांग्रेस ने अपने विधायकों से कहा है कि वे विधानसभा में इन सभी मुद्दों को प्रमुखता से उठाएं और सरकार से जवाब मांगें।
विधानसभा में उपनेता हेमंत कटारे ने कहा, ‘आगामी विधानसभा सत्र में हम सरकार से वे सभी प्रश्न पूछेंगे, जो जनहित से जुड़े हैं।’ उन्होंने कहा, ‘वित्तीय प्रशासन गड़बड़ाया हुआ है तो रोजगार की बात बेमानी हो गई है। प्रशासनिक अराजकता की स्थिति है। विभागों में काम ही नहीं हो रहे हैं। हम विभागवार रिपोर्ट तैयार करेंगे और जनता के सामने सरकार की वास्तविकता लाएंगे।’