जयपुर: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान से जाने से पहले राहुल गांधी ने कांग्रेसी नेताओं को एकजुटता का संदेश देने के साथ ही भविष्य के लिए कई टास्क दिए. राहुल ने अलवर की मालाखेड़ा की जनसभा के बाद कहा था कि मैं राजस्थान की पूरी कैबिनेट और विधायकों को सलाह देना चाहता हूं कि वह राजस्थान की सड़कों पर हर महीने में एक बार 15 किलोमीटर की पदयात्रा निकाले. अब इसी तर्ज पर राहुल की सलाह पर राजस्थान के डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक और राजस्थान युवा कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश घोघरा निकल चुके हैं जहां वह पिछले 5 दिनों से अपने विधानसभा क्षेत्र में पदयात्रा कर रहे हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक विधायक ने अपनी पदयात्रा के लिए भारत जोड़ो यात्रा की तरह की रूटमैप तैयार किया है और वह यात्रा के दौरान गांवों में लोगों से मिल रहे हैं और वहीं जनता की समस्याओं पर जनसुनवाई भी की जा रही है. बता दें कि विधायक घोघरा की यात्रा सोमवार को चुंडावाड़ा से कावलियादरा 15 किलोमीटर तक निकाली गई जहां विधायक ने क्षेत्रवासियों को कई सौगातें दी और वहीं आमजन को सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी.
जानकारी के लिए बता दें कि डूंगरपुर एमएलए गणेश घोघरा अपने विधानसभा क्षेत्र में पूरी 300 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे. घोघरा ने बीते बुधवार को पदयात्रा की शुरुआत चौराहा तहसील से की. वहीं घोघरा 20 दिनों तक हर दिन 15 किलोमीटर तक पैदल चलेंगे. इस दौरान वह ग्रामीणों से बात कर उनकी समस्याएं सुनेंगे और उनका समाधान करेंगे.
दरअसल कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा की ओर से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर पदयात्रा निकाली जा रही है जहां वह आमजन को सरकार की विभिन्न योजनाओं के साथ चार साल की उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं.
मालूम हो कि राहुल गांधी ने अलवर के मालाखेड़ा में बीते दिनों एक जनसभा के दौरान कहा था कि हम साढ़े तीन हजार किमी चल रहे हैं, चलने से शरीर की कई बीमारियों का इलाज हो जाता है. राहुल ने कहा कि मैं राजस्थान की पूरी कैबिनेट को सलाह देना चाहता हूं कि वह राजस्थान की सड़कों पर हर महीने में एक बार 15 किलोमीटर की पदयात्रा निकाले.
राहुल ने कहा था कि पदयात्रा के दौरान लोगों से सीधा संवाद होगा और लोग मिलेंगे तो उनकी समस्या खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा कि मंत्री जब पैदल चलेंगे तो कोई आदमी छुप नहीं सकता है और इससे कांग्रेस पार्टी, राजस्थान और सभी लोगों का फायदा होगा.
गौरतलब है कि राजस्थान में गुट में बंटी हुई कांग्रेस में गणेश घोघरा को अशोक गहलोत खेमे का माना जाता रहा है. 2020 में पायलट के बगावत करने के बाद छिड़े सियासी संग्राम के दौरान लाडनूं विधायक और सचिन पायलट के करीबी मुकेश भाकर को यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से आलाकमान ने हटा दिया था और इसके बाद ही गणेश घोघरा को इस पद की जिम्मेदारी दी गई थी.
वहीं घोघरा दक्षिणी राजस्थान से आते हैं जहां कांग्रेस आदिवासी वोटरों को भी साधने का प्रयास करती रहती है हालांकि आदिवासी कांग्रेस का परंपरागत वोटबैंक माना जाता रहा है लेकिन पिछले कुछ सालों में बीजेपी और अन्य स्थानीय दलों ने वहां कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है.