जयपुर : राजस्थान के 15 विश्वविद्यालयों के छात्रसंघ चुनाव (Rajasthan Student Union Election) में कांग्रेस के अग्रिम संगठन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) का एक भी अध्यक्ष नहीं बन पाने को लेकर पार्टी में आंतरिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस की विधायक दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) ने एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि शून्य पर रन आउट होने वाले चौधरी पहले और आखिरी व्यक्ति हैं। दिव्या ने एनएसयूआइ की हार के बहाने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर भी निशाना साधा है।
दिव्या मदेरणा के एक ट्वीट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक बयान का जिक्र था, जो उन्होंने 2013 में कांग्रेस हार पर जोधपुर में दिया था। इसमें उन्होंने कांग्रेस की 21 सीटों की तुलना बीजेपी को पहले मिली 33 सीटों से की थी। दिव्या ने इस ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा,1998 के बाद हम कभी विधानसभा की 100 सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाए हैं। उल्लेखनीय है कि 1998 में दिव्या के दादा स्व.परसराम मदेरणा के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने 156 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2003 में कांग्रेस चुनाव में बुरी तरह से हारी ही है। भाजपा ने पहली बार दो सौ में से 120 सीटें जीतकर अपने बूते पर सरकार बनाई थी।
2008 के चुनाव में भाजपा हारी और कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन उसका आंकड़ा 96 सीटों पर अटक गया था। निर्दलीय विधायकों के सहयोग से सरकार बन गई थी। 2013 के चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को बुरी तरह से हराया था। कांग्रेस की इतिहास में सबसे बड़ी हार हुई थी। केवल 21 सीटें ही मिल सकी थी। 2018 के चुनाव में भाजपा हारी, लेकिन कांग्रेस को 99 सीट ही मिली थी । बाद में उप चुनाव जीतने के बाद आंकड़ा 100 सीटों तक पहुंचा था। इसके बाद बसपा के छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया था। 13 निर्दलीय भी कांग्रेस सरकार के सहयोग में जुटे थे। इस तरह से 1998 और 2003 में गहलोत सीएम बने थे, लेकिन लगातार दोनों बार चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह से हार हुई थी।