देश के चुनावी इतिहास में सबसे कम सीटों पर लड़ेगी कांग्रेस
नई दिल्ली: देश की सत्ता पर सबसे अधिक समय तक काबिज रहने वाली सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इस लोकसभा चुनाव में आजादी के बाद सबसे कम सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने जा रही है। कांग्रेस ने अभी तक 27 राज्यों और अन्य केंद्र साहसित प्रदेशों में अब तक 272 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है जबकि हरियाणा की 9, पंजाब की 7, हिमाचल प्रदेश की 2 सीटों, बिहार, आंध्रा प्रदेश, पश्चिम बगाल की कुछ सीटों, उत्तर प्रदेश में राय बरेली और अमेठी पर उम्मीदवारों की घोषणा किया जाना बाकी है।
कुल मिला कर इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों की संख्या 325 या 330 के करीब पहुँच सकती है। यह संख्या देश के चुनावी इतिहास में सबसे कम होगी। इस से पहले कांग्रेस ने 2004 के चुनाव में 417 सीटों पर उम्मीदवार उतरे थे और यह पार्टी की तरफ से उतारे गए अब तक के सबसे कम उम्मीदवार थे। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 421 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतरे थे और उसे महज 52 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि 2014 में पार्टी ने 440 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे 44 सीटें ही हासिल हुए थी, 2009 में पार्टी ने 440 सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारे थे और उसे 206 सीटें हासिल हुई थी हालाँकि 1989 से लेकर 1999 तक देश में गठबंधन का दौर था लेकिन इस दौर में भी कांग्रेस के उम्मीदवारों की संख्या कम नहीं हुई थी और 1989 और 1991 में 510 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतरे थे जबकि 1996 में 529 और 1999 में 435 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया था कांग्रेस के इण्डिया अलाइंस का हिस्सा होने 17 से 41 के कारण उत्तर प्रदेश में इस बार सिर्फ सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
इसी तरह पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पिछले चुनाव के प्रत्याशियों के मुकाबले 20, महाराष्ट्र में पिछले चुनाव की 25 सीटों के मुकाबले 8 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।