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2023 में फतह किया चुनौतियों का ‘पहाड़’, 2024 में ‘नई उड़ान’ भरेगा उत्तराखंड

वर्ष 2023 बीत तो गया, लेकिन उत्तराखंडवासियों के लिए कई गौरवपूर्ण स्मृतियां छोड़ गया। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था 3 लाख करोड़ के पार पहुंचना, सीएम धामी द्वारा अगले 5 वर्षों में अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य तय करना हो या सुशासन के क्षेत्र में भ्रष्टाचार, अपराध और सरकारी भर्तियों में नकल माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, देशभर में उत्तराखंड की चर्चाएं होती रही हैं। वहीं, असंभव से लगने वाले देश के सबसे बड़े ऑपरेशन ‘सिलक्यारा’ रेस्क्यू को पूरा करना हो या विश्व के सबसे बड़े मंच ‘जी-20’ की तीन बैठकों की सफल मेजबानी करना, उत्तराखंड ने हर अवसर पर अपने सामथ्र्य एवं क्षमताओं को प्रभावी तरीके से सिद्ध किया है। यह वर्ष आगामी समय के लिए भी विकास की नींव रख गया। अब वर्ष 2024 के कंधों पर इस नींव के ऊपर विकास की नई इमारतें खड़ी करने का बड़ा दारोमदार रहेगा।वर्ष 2023, उत्तराखंड इतिहास के खंडकाल में सदैव ‘स्वर्णिम काल’ के रूप में जाना जायेगा। आर्थिक, सुरक्षा, सामाजिक न्याय के क्षेत्र में सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ। वहीं, जी-20 जैसे अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों व सिलक्यारा जैसे बड़े रेस्क्यू को सफलतापूर्वक पूरा कर देश ही नहीं दुनिया को उत्तराखंड के सामथ्र्य से वाकिफ कराया।

गौरव ममगाईं, देहरादून

भले ही परिस्थितियां कितनी भी विषम क्यों न रहीं हों, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व एवं निर्णय क्षमता का ही परिणाम रहा कि उत्तराखंड हर परीक्षा को पार करता हुआ आगे बढ़ता रहा। जाहिर है कि जब-जब उत्तराखंड की इन उपलब्धियों का उल्लेख होगा, तब-तब सीएम पुष्कर सिंह धामी का नाम भी गर्व के साथ लिया जायेगा। वर्ष 2023 में सीएम धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड निरंतर तरक्की की राह पर अग्रसर होता रहा है। इस दौरान न सिर्फ प्रदेश में विकास, सामाजिक न्याय एवं लोक समृद्धि सुनिश्चित की गई, बल्कि आने वाले वर्ष व भावी विकास की नींव भी रखी गई। कहा जाता है कि हर सफलता, नई आशा व जिम्मेदारियों को भी जन्म देती है। उत्तराखंड के संदर्भ में भी कुछ ऐसा ही है, तभी तो वर्ष 2023 में अनेक सफलताएं पाने के बाद अब नववर्ष 2024 में प्रदेशवासियों की आकांक्षाएं भी बढ़ना स्वाभाविक है। इसे भली-भांति समझते हुए उत्तराखंड ने भी आगामी वर्ष के लिए कई लक्ष्य तय किये हैं। सीएम धामी का प्रयास है कि विकास यात्रा एवं उपलब्धियों का यह क्रम निरंतर आगे बढ़ता रहे। आइये जानते हैं वर्ष 2023 में उत्तराखंड की प्रमुख 7 उपलब्धियां क्या रहीं और नववर्ष 2024 में प्रमुख 7 उम्मीदेंं एवं लक्ष्य क्या हैं?

7 उपलब्धियां

  1. उत्तराखंड की अर्थव्यस्था 3 लाख पार
    सीएम धामी के नेतृत्व में वर्ष 2022-23 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय उछाल देखने को मिला। वर्ष 2022-23 में राज्य की अर्थव्यवस्था 3 लाख दो हजार करोड़ की दर्ज की गई, जिसका विकास दर 7.09 प्रतिशत रहा, यानी पिछली विकास दर (7.04) से भी ज्यादा। वहीं, सीएम धामी यहीं नहीं रुके, उन्होंने अगले 5 वर्षों में अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।
  2. उत्तराखंड में निवेश के लिए साढ़े 3 लाख करोड़ के एमओयू साइन
    उत्तराखंड में 7 व 8 दिसंबर को हुए ऐतिहासिक ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में प्रदेश में निवेश से जुड़े करीब साढ़े 3 लाख करोड़ के एमओयू साइन किये गये। इस निवेश को उत्तराखंड के विकास के लिए संजीवनी माना जा रहा है। इससे मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों में विकास का संतुलन साधने में भी मदद मिलेगी। इसमें 44 हजार करोड़ रुपये के निवेश की ग्रार्उंंडग तैयार हो गई है, जबकि 24 हजार करोड़ के निवेश पर काम भी शुरू हो चुका है। सीएम धामी इन एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए खासे सक्रिय दिख रहे हैं। उन्होंने हर महीने से निवेश की समीक्षा करने का बड़ा फैसला लिया। यह निवेश उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

3.उत्तराखंड ने अपनाया ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड
वर्ष 2023 के जाते-जाते दिसंबर महीने में हुए ऐतिहासिक इन्वेस्टर समिट उत्तराखंड के सीएम धामी ने विकास के लिए ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ मॉडल को अपनाया। यह मॉडल पर्यटन, निवेश, खेल, आयोजन, सुरक्षा, फिल्म र्शूंटग, स्वास्थ्य एवं आध्यात्म, उत्पाद के क्षेत्र में उत्तराखंड को देश व दुनिया के ‘मॉडल स्टेट’ के रुप में स्थापित करने पर जोर देता है। इसकी विशेषता यह भी है कि यह पर्वतीय क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दी गई है। लंबे समय बाद विकास में पर्वतीय क्षेत्रों को प्रमुखता दी जा रही है, जो शुभ संकेत है। यह न सिर्फ उत्तराखंड में विकास की क्रांति को जन्म देगा, बल्कि प्रदेशवासियों की खुशहाली व जीवन स्तर को सुधारने में भी सहायक सिध्द होगा। सीएम धामी का ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ पीएम नरेंद्र मोदी के ‘वाइब्रेंट गुजरात’ मॉडल से प्रेरित है।

  1. प्रदेश को मिला सबसे सख्त नकलरोधी कानून
    सरकारी भर्ती की तैयारी कर रहे लाखों अभ्यर्थी वर्ष 2023 को कैसे भूल सकते हैं। धामी सरकार ने वर्ष 2023 के प्रारंभ में ही इन अभ्यर्थियों को सख्त नकलरोधी कानून-2023 के रूप में बड़ी सौगात जो दी थी। इस कानून ने सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करने का काम किया है। विशेष बात यह है कि इसमें नकल में शामिल गिरोह व संस्था के खिलाफ 10 करोड़ रुपये तक आर्थिक जुर्माना व जेल की सजा का प्रावधान है।
  2. सिलक्यारा रेस्क्यू से दुनिया ने माना उत्तराखंड का लोहा
    वर्ष 2023 में एक तरफ उत्तराखंड आर्थिक एवं समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ रहा था तो वहीं प्राकृतिक चुनौतियां भी उत्तराखंड की परीक्षा ले रही थीं। नवंबर 2023 में घटित उत्तरकाशी में सिलक्यारा घटना भी इसी में से एक थी, लेकिन उत्तराखंड ने असंभव से लग रहे सिलक्यारा रेस्क्यू को कई दिनों की कड़ी मेहनत व तकनीकी एवं राजनीतिक नेतृत्व के बल पर सफलतापूर्वक संपन्न किया। इस रेस्क्यू की सफलता पर विदेशी मीडिया ने भी उत्तराखंड व भारत की सराहना की। बता दें कि सीएम धामी रेस्क्यू के दौरान लगातार सिलक्यारा पहुंचते रहे और कई दिन कड़कड़ाती ठंड में भी बिताये थे। पीएम मोदी ने भी उन्हें विशेष सहयोग दिया था।
  3. भ्रष्टाचार के खिलाफ शीर्ष राज्य बना उत्तराखंड
    वर्ष 2023 को उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण समय माना जायेगा। यही मुख्य वजह थी कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी सीएम पुष्कर्र ंसह धामी की भ्रष्टाचार के खिलाफ की जा रही कड़ी कार्रवाई की जमकर सराहना की है। शाह ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में उत्तराखंड देश में शीर्ष राज्य बन गया है। बता दें कि वर्ष 2023 में सीएम धामी ने सरकारी भर्ती गड़बड़ी, रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा, उत्तरकाशी अवैध वन कटान समेत अनेक मामलों में निष्पक्ष एवं कड़ी कार्रवाई की। यहां तक कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के गोपनीय खंड के एक अधिकारी व एक भाजपा नेता को भी जेल की सलाखों में डालने में जरा भी संकोच नहीं किया।
  4. जी-20 की मेजबानी भी बड़ी उपलब्धि
    विश्व में राजनीतिक अस्थिरता के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विश्व के सबसे बड़े आर्थिक मंच ‘जी-20’ की सफल मेजबानी कर विश्व को देश के सामथ्र्य से अवगत कराया। वहीं, उत्तराखंड को भी जी-20 की 3 बड़ी बैठकों के आयोजन की जिम्मेदारी मिली थी। विश्व के सबसे बड़े मंच की बैठकों का आयोजन करना भी चुनौती से कम नहीं था। सीएम पुष्कर्र ंसह धामी के कुशल नेतृत्व के चलते जी-20 की दो बैठकें टिहरी के नरेंद्रनगर व एक नैनीताल के रामनगर में सफल व ऐतिहासिक रूप से संपन्न हुई। जी-20 देशों के शीर्ष अधिकारियों ने उत्तराखंड के सौंदर्य, संस्कृति, जीवन-शैली व यहां विकास एवं समृध्दि को करीब से देखा। समस्त देशों के अधिकारियों द्वारा उत्तराखंड में आयोजन की सराहना की गई।

7 लक्ष्य एवं उम्मीदें

  1. निवेश के लक्ष्य को भेदने में तत्पर सीएम धामी
    उत्तराखंड ने अनेक उपलब्धियों के साथ वर्ष 2024 में अब प्रवेश कर लिया है। इस वर्ष उत्तराखंड के सामने सबसे बड़ी चुनौती ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में हुए निवेश एमओयू को धरातल पर उतारने की होगी। इसके लिए उत्तराखंड में निवेशकों की सुविधाओं के अनुरूप ग्रार्उंंडग तैयार करना और संरचनात्मक विकास से लेकर उत्पादन एवं सेवाओं के संचालन होने तक सरकारी स्तर पर नियमित निगरानी व सहयोग के लिए सीएम धामी तत्पर दिखाई दे रहे हैं। सीएम धामी यह जानते हैं कि प्रदेश में रिकॉर्ड निवेश लाने में तो वे सफल हो गये, लेकिन वह 60 से 70 फीसद निवेश को धरातल पर उतार देते हैं तो इससे प्रदेश का कायाकल्प हो सकता है। इसलिए इस वर्ष को उत्तराखंड के विकास की दिशा एवं दशा तय करने वाला माना जा रहा है।
  2. उत्तराखंड को जल्द मिलेगा यूसीसी
    उत्तराखंड को जल्द समान नागरिक संहिता (यूसीसी) मिलने की उम्मीद है। इस कानून का ड्राफ्ट बनकर तैयार हो चुका है, अब संभावना है कि धामी सरकार आगामी विधानसभा सत्र में इस ड्राफ्ट को पेश कर सकती है और इसे जल्द पारित व मंजूरी दिलाकर कानून का रूप देने का प्रयास करेगी। कानून बन जाने के बाद उत्तराखंड देश में यूसीसी लागू करने वाला दूसरा राज्य बन जाएगा। इसी के साथ यूसीसी को लागू करने का भाजपा का कई दशकों पुराना एजेंडा भी पूरा होगा। सामाजिक न्याय की दिशा में यह सीएम धामी का बड़ा कदम माना जायेगा।
  3. उत्तराखंडियत का संरक्षण करेगा भू-कानून
    वर्ष 2024 उत्तराखंडवासियों के लिए उत्तराखंडियत के संरक्षण के रूप में भी बेहद महत्त्वपूर्ण रहने वाला है, क्योंकि इस वर्ष प्रदेश को सख्त भू-कानून मिल सकता है। इससे उत्तराखंड के जल, जंगल व जमीन सुरक्षित हो सकेंगे। यहां की संपत्ति एवं संपदा पर बाहरी भूमाफिया बुरी नजर नहीं डाल सकेंगे। इसके लिए सीएम धामी दिसंबर 2023 में एक विशेष समिति का गठन कर चुके हैं, अब नये साल में समिति कानून का ड्राफ्ट तैयार करेगी। सब कुछ उम्मीदों के अनुरूप रहा तो यह जल्द कानून का रूप भी ले लेगा।
  4. इकोनॉमी व इकोलॉजी में संतुलन बनाना भी जरूरी
    इस वर्ष उत्तराखंड आर्थिक एवं विकास के क्षेत्र में लंबी छलांग लगायेगा, लेकिन इसके साथ ही उत्तराखंड के पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण करने की भी मुख्य चुनौती होगी। जलवायु परिवर्तन के चलते विश्व के समस्त देश प्रभावित तो हो रहे हैं, उत्तराखंड जैसे हिमालयी राज्यों पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए धामी सरकार इस वर्ष इकोलॉजी के संरक्षण में पुराने वाहनों हेतु वाहन कबाड़ नीति, इलेक्ट्रिक वाहन प्रोत्साहन, नवीनीकरणीय ऊर्जा स्रोत जैसे उपायों को अपनाकर आगे बढ़ सकती है। निर्माण कार्यों में यूनाइटेड नेशन के ‘सतत् विकास’ (सस्टेनेबल डेवलपमेंट) के 17 लक्ष्यों का पालन कराना भी शामिल रहेगा।
  5. प्रदेश की मातृशक्ति को मिल सकती है महिला नीति
    यूसीसी के अलावा सीएम धामी की प्राथमिकता में राज्य महिला नीति भी शामिल है। राज्य गठन के बाद से महिला आंदोलनकारी महिला नीति की मांग करती रही हैं, लेकिन दुर्भाग्य से किसी भी सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। अब सीएम धामी ने महिला नीति के गठन की जिम्मेदारी राज्य महिला आयोग को सौंपी है। महिला आयोग द्वारा महिलाओं से हजारों सुझाव लेकर नीति की रूपरेखा बनाई जा रही है। राज्य की महिलाओं की सीएम धामी से विशेष आशाएं रहेंगी कि वह उन्हें महिला नीति की सौगात दें।
  6. ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ को पहचान दिलाने की चुनौती
    सीएम धामी ने उत्तराखंड के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड की पहचान तो दे दी, परंतु अब इस ब्रांड को देश व अंतर्राष्ट्रीय बाजार में स्थापित करना भी बड़ी चुनौती रहने वाली है। हालांकि, इस ब्रांड को पहचान दिलाने में सीएम धामी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष सहयोग मिलने की भी उम्मीद है, क्योंकि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में पीएम मोदी ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के महत्त्व पर विशेष जोर देते नजर आये थे।
  7. मानसखंड कॉरीडोर से बदलेगा कुमाऊ
    यह वर्ष कुमाऊं में विकास एवं पर्यटन की दृष्टि से भी मह्त्त्वपूर्ण रहेगा, क्योंकि इस वर्ष कुमाऊं क्षेत्र में मानसखंड कॉरिडोर (मंदिरमाला) प्रोजेक्ट के तहत अनेक कार्य होंगे। इसके तहत कुमाऊं के प्रमुख मंदिरों को आपस में जोड़ा जाएगा। यही नहीं, मानसखंड कॉरिडोर को बद्रीनाथ-केदारनाथ से भी जोड़ने की योजना है। इससे कुमाऊं क्षेत्र के प्रमुख मंदिरों के पौराणिक इतिहास से देश-विदेश के लोगों को अवगत कराया जा सकेगा। इससे पर्यटन विकसित होगा और पूरे कुमाऊं मंडल में रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

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