नई दिल्ली: नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब के डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या की साजिश पंजाब के तरनतारन में रची गई थी। हत्या का आरोपी तरनतारन (पंजाब) के मियां विंड निवासी सर्बजीत सिंह कट्टरपंथी विचारधारा का बताया गया है। दूसरी ओर वारदात के तीन दिन बाद भी हत्यारे पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। उनके खटीमा या फिर पीलीभीत के रास्ते नेपाल भागने का भी अंदेशा जताया जा रहा है। उत्तराखंड पुलिस ने नेपाल व बंगाल में डेरा डाल दिया है। साथ ही कनाडा एंबैसी से संपर्क साधा जा रहा है।
बता दें कि 28 मार्च की सुबह करीब सवा छह बजे बाबा तरसेम सिंह की बाइक सवार दो लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में तरनतारन के सरबजीत और यू.पी. (बिलासपुर) के गांव सिहोरा निवासी अमरजीत सहित उत्तराखंड के एक रिटायर्ड आई.ए.एस. हरबंस चुघ समेत पांच लोगों को नामजद किया गया है। पुलिस जांच में मालूम हुआ है कि अमरजीत 15 साल पहले ही परिवार के साथ तरनतारन चला गया था। यहां उसकी मुलाकात सरबजीत सिंह से हुई।
इसी बीच गुरुघर को लेकर तरसेम सिंह से हुए विवाद में नानकमत्ता में आंदोलन हुए, जिसमें दोनों की सक्रियता बढ़ गई। बताया जा रहा है कि विवाद के दौरान सरबजीत व अमरजीत कई बार तराई में आकर विरोध आंदोलन में शामिल भी हुए। गुरुघर का विवाद ज्यादा बढ़ने के बाद दोनों कट्टरपंथी विचारधारा के हत्यारोपियों ने कुछ माह पहले ही बाबा तरसेम की हत्याकांड की योजना बनाई और शातिराना अंदाज से नानकमत्ता आकर हत्याकांड को अंजाम दे डाला।