सड़कों के निर्माण से बढ़ेगी विकास की रफ्तार, प्रवासी श्रमिकों को भी मिल रहा है रोजगार: केशव प्रसाद मौर्य
लखनऊ: सड़क निर्माण से जहां विकास की प्रक्रिया तेज होगी ही, वहीं श्रमिकों व खासतौर से प्रवासी श्रमिकों को रोजगार भी मिलेगा। देश व समाज के विकास को गति देने में आवागमन की सुगमता होना बहुत जरूरी है ताकि किसान, व्यापारी, लघु कुटीर, मध्यम उद्योग चलाने वाले लोग आसानी से अपने उत्पाद को बाजार तक ले जा सकें और उन्हे उनके उत्पाद के वाजिब दाम मिल सकें।
कोरोना वायरस संक्रमण के संकट के चलते बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक गांवों में पहुंच रहे हैं इन्हे रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इस दृष्टिकोण से भी सड़कों और पुलों के निर्माण कार्यों में तेजी लाई जा रही है, यही नहीं निर्माण कार्यों में सोशल डिस्टेंसिंग व भारत सरकार की गाइड-लाइन का पालन कराये जाने के स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं। यह भी निर्देश दिये गये हैं कि प्रत्येक श्रमिक मास्क जरूर लगायेगा।
उपरोक्त बातें गुरूवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राजधानी लखनऊ मे कहीं। केशव ने बताया कि लाॅकडाउन के चलते निर्माण कार्यों में रोक लग गयी थी, 20 अप्रैल से निर्माण कार्य पूनः शुरू करने की प्रक्रिया निर्धारित गाइड-लाइन के अनुरूप प्रारम्भ हुयी। उन्होने बताया कि चालू निर्माण कार्यों को शीघ्रातिशीघ्र पूरा कराने के गम्भीर प्रयास किये जा रहे हैं और श्रमिकों को रोजगार देने के उद्देश्य से कार्यों की गति बढ़ायी गयी है।
27527 श्रमिक कर रहे 1893 निर्माण कार्यों में काम
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम व राजकीय निर्माण विभाग द्वारा वर्तमान में 1893 कार्य चल रहे हैं, जिनमें 27527 श्रमिक कार्य कर रहे हैं, इन कार्यों की कुल लागत रू0 31,40,973.53 लाख है। इनमें लोक निर्माण विभाग के 1539 कार्य हैं, जिनपर 19491 श्रमिक कार्य कर रहे हैं और इन कार्यों की कुल लागत रू0 13,66,003.15 लाख है।
सेतु निगम द्वारा 113 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है, जिनमें 2242 मजदूर काम कर रहे हैं, इन परियोजनाओं की कुल लागत रू0 4,48,976.38 लाख है तथा राजकीय निर्माण निगम द्वारा 241 परियोजनाओं पर कार्य कराया जा रहा है, जिनमें 5794 श्रमिक कार्य कर रहे हैं, इन परियोजनाओं की कुल लागत रू0 13,25,994.00 लाख है।