पूरे देश में सहकारिता समितियां एक जैसे मानकों के तहत होंगी संचालित, संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित
नई दिल्ली : राज्यसभा में बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया। विपक्ष के हंगामे, नारेबाजी और सदन से बहिर्गमन के बीच संक्षिप्त चर्चा के बाद जैविक विविधता संशोधन विधेयक और मध्यस्थता विधेयक भी पारित हो गया। इसके साथ ही उच्च सदन में मंगलवार को तीन विधेयक पारित हुए और आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 पेश किया गया।
बहुराज्य सहकारी सोसायटी विधेयक को सदन में चर्चा के लिए केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने सदन पटल पर रखा। वर्मा ने कहा यह संशोधन सहकारिता के विकास के लिए जरूरी हैं। इस चर्चा का जवाब देते हुए वर्मा ने कहा संशोधन विधेयक के पारित होने से सहकारिता आंदोलन में एक नए युग के सूत्रपात होगा।
हालांकि सभापति ने इस बीच विपक्ष के बहिर्गमन पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया और सहकारिता के महत्व पर प्रकाश डाला। राज्यमंत्री ने कहा कि सहकारिताओं के कामकाज में पारदर्शिता आएगी और इस संशोधन से अब पूरे देश में सहकारिता एक समान मानकों के तहत संचालित हो सकेंगी। अब सहकारिता में मनमानी और कुप्रबंधन पर लगाम लगेगी। नई सोसाइटी डिफाल्टर नहीं बना पाएंगे।
राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच जैविक विविधता संशोधन व मध्यस्थता विधेयक भी पारित हो गया। पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने जैविक विविधता संशोधन विधेयक पर जवाब देते हुए कहा कि इस संशोधन से औषधीय जैव विविधता संरक्षित होगी। आदिवासी और स्थानीय लोगों को और अधिक अधिकार मिलेंगे।
राज्यसभा ने इससे पहले मध्यस्थता विधेयक को संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित किया। इस विधेयक को कानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मध्यस्थता विधेयक- 2021 को चर्चा के लिए सदन पटल पर रखा। इस पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह लंबित मामलों में प्रभावी भूमिका का काम करेगा इसकी मदद से देश में समाधान में तेजी आएगी।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 सदन पटल पर पेश किया। इसी के साथ मंगलवार को राज्यसभा में विपक्ष के वॉकआउट के मध्य 3 विधेयक पारित किए गए हैं। इसमें बहुराज्य सहकारी सोसाइटी संशोधन विधेयक 2023, मध्यस्थता विधेयक है।