कॉप26 के अध्यक्ष की तेल और गैस कंपनियों में निवेश का समर्थन करने पर कड़ी आलोचना
नई दिल्ली। रूस से निरंतर तेल आयात को लेकर कुछ विकसित देश भारत को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में कॉप26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा के उस कदम की कड़ी आचोचना हो रही है जिसमें उन्होंने क्वासी क्वार्टेंग (यूके के सचिव, व्यापार, ऊर्जा और औद्योगिक रणनीति) के पत्र का समर्थन किया जिसमें वो जीवाश्म ईंधन को प्रोत्साहित कर रहे हैं। शर्मा नवंबर 2021 में यूके के ग्लासगो में आयोजित जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कॉप के अध्यक्ष हैं।
उत्सर्जन को कम करने के लिए सामूहिक कार्रवाई तय करने के लिए सीओपी वार्ता सालाना आयोजित की जाती है ताकि पूर्व-औद्योगिक युग की तुलना में वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस से कम तक सीमित रखा जा सके। शर्मा ने ट्वीट किया था कि तेल और गैस कंपनियों द्वारा ‘नई स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी’ में निवेश करने के लिए हमें एक उचित त्वरित योजना की आवश्यकता है। ऊर्जा का भविष्य स्वच्छ और हरा-भरा होना चाहिए।
क्वासी क्वार्टेंग के ट्वीट में कहा गया था कि उत्तरी सागर हमारी ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए मैं इस साल के अंत में एक और लाइसेंसिंग दौर शुरू करूंगा। बदले में, मैं चाहता हूं कि तेल और गैस कंपनियां यूके में अपने मुनाफे का पुनर्निवेश करें, इसलिए हम सभी को नौकरियां, विकास, नई स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी का लाभ महसूस होता है। मुझे लगता है कि ब्रिटेन की ऊर्जा सुरक्षा की रक्षा के लिए निवेश में तेजी की अपील की छवि के साथ यह उचित है।
टी. जयरामन, सीनियर फेलो, क्लाइमेट चेंज, एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन ने ट्वीट किया कि कॉप के अध्यक्ष द्वारा चौंकाने वाला ट्वीट। क्या ग्लासगो में समापन समारोह में उनका नाटक वास्तविक था? यहां वह यूके के तेल और गैस के तत्काल विस्तार के लिए ट्वीट कर रहे हैं।
सीओपी अध्यक्ष ने उस अपील पत्र का समर्थन किया जिसमें कहा गया था कि मैं यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम उन कार्यकर्ताओं की इच्छा के आगे नहीं झुकेंगे जो भोलेपन से चाहते हैं कि हम यूके कॉन्टिनेंटल शेल्फ में उत्पादन को समाप्त कर दें। इसकी कुछ प्रभावशाली लोगों ने व्यापक आलोचना की है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज (एनआईएएस), बेंगलुरु के एसोसिएट प्रोफेसर तेजल कानिटकर ने ट्वीट किया कि कॉप के अध्यक्ष ने ‘आने वाले दशकों’ के लिए यूके के लिए तेल और गैस के लिए ट्वीट किया है। ऐसा लगता है कि अब हमारे पास भी एक असमान माहौल है। एक जो तेल, गैस और कोयले से सीओ2 अणुओं के बीच भेदभाव कर सकता है।