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कॉपर की कीमतें ग्लोबल मार्केट में नवंबर 2020 के बाद के निचले स्तर पर

मुंबई : दुनिया भर में धातुओं की कीमतें (Metals Prices) लगातार कम हो रही हैं. पहले लोहा (Iron Prices) और स्टील के भाव (Steel Prices) में गिरावट आई, अब कॉपर यानी तांबा में दाम (Copper Prices) में भारी गिरावट आई है. दुनिया भर में बढ़ती ब्याज दरें (Rising Rates), चीन में कोविड-19 के बढ़ते मामले, मंदी की आशंका (Recession Fears) और इन्वेंट्री के बढ़ने से इस सप्ताह कॉपर की कीमतें ग्लोबल मार्केट में नवंबर 2020 के बाद के निचले स्तर पर आ गईं.

न्यूयॉर्क के कॉमेक्स मार्केट में मंगलवार को सितंबर में डिलीवरी वाले कॉपर का भाव 4.8 फीसदी गिर गया. मंगलवार के कारोबार के दौरान यह भाव गिरकर 3.43 डॉलर पर पौंड यानी 7,546 डॉलर प्रति टन पर आ गया. यह कॉपर के रेट का नवंबर 2020 के बाद का सबसे निचला स्तर है. इसी तरह शंघाई में अगस्त कांट्रैक्ट वाला कॉपर 1.9 फीसदी गिरकर 60,110 युआन प्रति टन यानी 8,975.66 डॉलर प्रति टन पर आ गया.

माइनिंग डॉट कॉम की एक रिपोर्ट में सिंगापुर बेस्ड एक मेटल ट्रेडर के हवाले से कहा गया कि मंदी की आशंका से सेंटिमेंट पर असर हो रहा है. अमेरिका सहित कई देशों में महंगाई दशकों के उच्च स्तर पर है, जिसे काबू करने के लिए ब्याज दरें बढ़ाई जा रही हैं. फेडरल रिजर्व इस महीने फिर से ब्याज दरों को 0.75 फीसदी तक बढ़ा सकता है. दूसरी ओर लंदन मेटल एक्सचेंज से मंजूरी प्राप्त वेयरहाउसेज में कॉपर का भंडार एक सप्ताह में 20 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 1,36,950 टन पर पहुंच गया है. ये सभी फैक्टर कॉपर की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं.

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, कॉपर की कीमतों में जून तिमाही के दौरान तेज गिरावट देखी गई. साल 2008 के फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद कॉपर की कीमतों में किसी तिमाही के दौरान यह सबसे बड़ी गिरावट थी. लंदन मेटल एक्सचेंज पर भी कॉपर की कीमतों में बड़ी गिरावट देखी गई. ब्लूमबर्ग रिपोर्ट के अनुसार, लंदन मेटल एक्सचेंज पर कॉपर का भाव 5.1 फीसदी गिरकर 7,597 डॉलर प्रति टन पर आ गया, जो दिसंबर 2020 के बाद का सबसे निचला स्तर है. निकेल, जिंक, सोना और चांदी जैसी धातुओं की कीमतों में भी कुछ समय से गिरावट आ रही है.

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