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कोरोना ने फिर बदला रूप, नए सब-वैरिएंट के 9 राज्यों में मिले 116 मामले

नई दिल्ली : भारत में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच इसका एक और स्वरूप एक्सबीबी.1.16.1 सामने आया है। देश के नौ राज्यों में इसके 116 मामले सामने आए हैं। गौर करने वाली बात है कि यह संक्रमण बच्चों में भी मिल रहा है। इसका एक नया लक्षण आंखों में लालपन के रूप में सामने आया है।

वायरस के स्वरूप में इस बदलाव का जिक्र शुक्रवार को अधिकारियों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस बैठक में बताया गया कि ओमिक्रॉन के स्वरूप बदलने के बाद एक्सबीबी उप स्वरूप सामने आया था। एक्सबीबी ने स्वरूप बदला तो एक्सबीबी.1.16 सामने आया। भारत में वर्तमान में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए यही स्वरूप जिम्मेदार है।

गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, दिल्ली, हरियाणा, केरल और पुडुचेरी में इससे जुड़े मामलों की पुष्टि हुई है। डॉ. स्कारिया ने बताया कि भारत के अलावा अब तक 13 देशों में 80 से ज्यादा सीक्वेंस एक्सबीबी.1.16.1 उप वेरिएंट अपलोड हुए हैं। इससे पता चलता है कि अन्य देशों में भी वायरस अपना स्वरूप बदल रहा है।

नई दिल्ली स्थित आईजीआईबी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनोद स्कारिया ने बताया कि नया वेरिएंट अभी एक दम ताजा है जिसके बारे में बहुत कुछ नहीं कहा जा सकता है। जिस प्लेटफॉर्म पर पूरी दुनिया जीनोम सीक्वेंसिंग का डाटा साझा कर रही है, वहां अभी इस नए एक्सबीबी.1.16.1 उप वेरिएंट के बारे में एक या दो ही सीक्वेंस हैं जिसे भारत से अपलोड किया है। अगर एक्सबीबी.1.16 से इसकी तुलना करें तो अभी सिर्फ एक अहम बदलाव टी 5471 के रूप में पता चला है।

कोरोना संक्रमण के मामलों में फिर से तेजी आई है। देश में 24 घंटे में 6,050 नए कोरोना मरीज मिले हैं। यह 203 दिन बाद एक दिन में नए कोविड संक्रमितों की सबसे ज्यादा संख्या है। इसके चलते देश में कोरोना के सक्रिय केस यानी उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 28,303 हो गई है। देश में संक्रमण की दैनिक दर 3.39 फीसदी और साप्ताहिक दर 3.02 फीसदी है।

पुडुचेरी प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। जिलाधिकारी ई वल्लवन ने कहा, केंद्र शासित प्रदेश में आने वाले दिनों में संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए तत्काल प्रभाव से कई एहतियाती उपाय लागू किए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि सही समय पर मरीज की जांच, उपचार और निगरानी बेहद जरूरी है। बैठक की शुरुआत में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने स्वास्थ्य मंत्रियों के समक्ष कोरोना जांच का ब्यौरा रखा। अधिकारियों ने बताया कि एक लाख की आबादी पर कम से कम 140 सैंपल की जांच अनिवार्य होनी चाहिए, लेकिन बीते सात अप्रैल तक के सप्ताह में कई राज्यों में यह आंकड़ा बेहद कम है।

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