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कोरोना अलर्ट: गाजियाबाद- गौतमबुद्धनगर में बढ़े कोरोना के केस, डीएम ने स्कूलों को दिए सख्त निर्देश

मेरठ: गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिले के निजी स्कूलों में छात्रों के कोविड संक्रमित निकलने पर मेरठ में जिलाधिकारी के बालाजी ने जिले के स्कूलों को भी पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। जनपद के सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सभी स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराया जाए।

डीएम ने कहा कि स्कूलों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना करें और अगर किसी बच्चे को बुखार, खांसी, जुकाम या कोविड संक्रमण के लक्षण जैसे उल्टी, पेट दर्द, सिर दर्द और थकान आदि हो तो अभिभावकों को व्हाट्सएप ग्रुप या अन्य माध्यम से तुरंत सूचित करें। अगर बच्चे की जांच आवश्यक लगती है तो नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर मदद लें। 12 साल से अधिक आयु वर्ग के सभी छात्र-छात्राओं का कोरोना टीकाकरण कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी के. बालाजी ने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से सभी प्रधानाचार्यों को पत्र भिजवाया जा रहा है। जिन स्कूलों में कोविड को लेकर लापरवाही पकड़ी जाएगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मेरठ जिले में गुरुवार को 2,952 लोगों की जांच की गई, जिनमें कोरोना का एक मरीज मिला। फिलहाल सिर्फ दो केस सक्रिय है, जो होम आइसोलेशन में हैं। अगर नया मरीज नहीं मिलता तो जल्द ही मेरठ कोरोना मुक्त हो सकता है। मार्च 2020 से लेकर अब तक कोरोना के सक्रिय केसों पर दो ही बार ब्रेक लगा है। चार दिसंबर 2021 को मेरठ कोरोना मुक्त हुआ था, जब न तो संक्रमण का कोई नया मामला सामने आया था और जिन दो मरीजों का घर पर ही उपचार चल रहा था, वे भी स्वस्थ हो गए थे। इसके 15 दिन बाद से फिर मरीज मिलने लगे थे, जिसे तीसरी लहर कहा गया। इससे पहले 29 अक्तूबर 2021 को भी मेरठ कोरोना मुक्त हुआ था, जब कोई सक्रिय केस नहीं था, लेकिन फिर 24 घंटे बाद ही संक्रमण के सात नए मामले सामने आ गए थे।

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