देश में किसान आंदोलन से फैला कोरोना, BHU रिसर्चर्स में बड़ा दावा
लखनऊ: भारत में कोरोना के फैलने की प्रमुख वजह बताई गई है. काशी हिंदू विश्वविद्यालय और कोलकाता विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने इस पर एक शोध किया है. इस शोध में पता चला कि पंजाब में किसान आंदोलन के दौरान सबसे ज्यादा कोरोना के मामले सामने आए. बीएचयू में जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ज्ञानेंद्र चौबे ने बताया कि उस समय एक ऐसा शोध हम लोगों ने शुरू किया था, जिसमें कोरोना वायरस का अल्फा वैरिएंट ब्रिटेन से आया था. उस वैरिएंट पर ही काम किया जा रहा था.
इस शोध में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे और कलकत्ता विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर डॉक्टर राकेश तमांग ने हिस्सा लिया. साथ ही इस शोध में अमृता विश्वविद्यापीठम केरल में एसोसिएटेड प्रोफेसर डॉक्टर प्रशांत सुरवझाला के साथ कई वैज्ञानिको ने बताया कि कोरोना के सबसे ज्यादा मामले किसान आंदोलन के चलते ही बढ़े थे.
प्रोफेसर चौबे ने बताया कि अल्फा वैरिएंट यह ऐसा वैरिएंट था. इसके बाद ही हमारे यहां सबसे खतरनाक लहर शुरू हुई. यहीं से कोरोना के मामले बढ़ने शुरू हो गए थे. इसका प्रचार-प्रसार काफी तेज गति से हो रहा था. इस शोध में हम लोगों को यही लक्ष्य था कि भारत में कोरोना की लहर कैसे आई? इतनी तेजी से कोरोना कैसे फैल गया?
प्रोफेसर ने बताया कि जब सबसे पहले यह वैरिएंट ब्रिटेन में पाया गया था. उसमें यह तथ्य सामने आया कि जो लोग फ्लाइट से सफर करके आ रहे थे. उनमें ही कोरोना के लक्षण दिख रहे थे. इसके बाद प्रोफेसर ने बताया कि दिल्ली, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में इस वैरिएंट के मामले आने शुरू हो गए.
प्रोफेसर ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति सबसे पहले अपने परिवार के पास जाता है, फिर वहां से परिवार से होते हुए अन्य जगहों पर कोरोना फैलता है. उन्होंने बताया कि शोध के दौरान हमने देखा कि पंजाब में वायरस का वैरिएशन तो बहुत कम है, लेकिन प्रसार बहुत तेजी से हो रहा था. इसके बाद उन्होंने स्टेप वाइज प्रोसेस चेक किया.
पंजाब में फाउंडर स्टेप की तरह यह प्रोसेस दिखा. इसके बाद दोनों वैज्ञानिकों की टीम ने सोशल इवेंट पर फोकस किया. इस रिपोर्ट में सामने आया कि किसान आंदोलन ही उसका सबसे बड़ा कारण रहा है. शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि कोरोना के समय में सामूहिक समारोह सुपरस्प्रेडर बने थे.