यूपी में कोरोना कहर जारी, सीएम योगी सख्त, दो CMO का तबादला
लखनऊ, 16 जुलाई, दस्तक (ब्यूरो): उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते सीएम योगी ने काफी सख्त रुख अपनाया है। लगातार कई टीम बनाने के साथ ही रोज समीक्षा करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शुक्रवार को कानपुर के साथ बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को हटाया गया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने आवास पर टीम-11 के साथ कोरोना वायरस की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उनके तेवर काफी सख्त थे। कानपुर के सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला तथा बलिया के सीएमओ डॉ. प्रीतम कुमार मिश्रा को उनके पद से हटाया गया है। लखनऊ में चिकित्सा महानिदेशालय में संयुक्त निदेशक डॉ. अनिल कुमार मिश्रा को सीएमओ कानपुर के पद पर तैनात किया गया है। सीएमओ कानपुर डॉ. अशोक शुक्ला लखनऊ में डॉ. अनिल कुमार मिश्रा की जगह लेंगे। बलिया में सीएमओ का पद पर कुशीनगर जिला संयुकत चिकित्सालय में वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. जितेंद्र पाल संभालेंगे। डॉ. प्रीतम कुमार मिश्रा को वरिष्ठ परामर्शदाता जिला चिकित्सालय गोण्डा में तैनात किया गया है।
पूरे प्रदेश में एक लाख लोगों की टीम गठित करने के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में कहा कि प्रभावी सॢवलांसिंग के लिए पूरे प्रदेश में एक लाख लोगों की टीम गठित की जाए। बड़े जिलों की प्रभावी निगरानी की जाए। वहां पर शनिवार तथा रविवार को बाजारों की बंदी में बंदी का कड़ाई से पालन किया जाए। इसके साथ ही, इन दोनों ही दिनों में स्वच्छता और सैनिटाइजेशन के कार्य प्रभावी ढंग से किए जाएं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एयरपोर्ट तथा रेलवे स्टेशनों पर मौजूद इन्फ्रारेड स्कैनर्स तथा पल्स ऑक्सीमीटरों को क्लाउड के माध्यम से आपस में जोड़ते हुए ऑनलाइन करें। जिससे इस डेटा का उपयोग कोविड-19 से प्रभावी ढंग से निपटने में किया जा सके।
एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस में वेंटिलेटर कार्यशील रहें
मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों में एंटीलार्वा रसायन के छिड़काव और फॉगिंग करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समस्त वेंटिलेटरों को क्रियाशील रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस में वेंटिलेटर कार्यशील रहें। ट्रेनिंग गतिविधियों को और तेज करते हुए वेंटिलेटर संचालन के लिए टेक्निशियन को भी प्रशिक्षित किया जाए। हर एम्बुलेंस में ऑक्सीजन की अनिवार्य उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। यह पहले से तय रखा जाए कि मरीज को एम्बुलेंस से किस चिकित्सालय में पहुंचाकर भर्ती करना है। सभी एम्बुलेंस में आवश्यक रूप से ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।