कोरोना से चीन तबाह! कोविड-19 को फ्लू मान बैठा ‘ड्रैगन’, BF.7 वैरिएंट से नहीं भारत को ड़र
नई दिल्ली. जहां एक तरफ पडोसी देश चीन (China) में फ़ैल रहे कोरोना (Corona) पर अब केंद्र सरकार भी इसको लेकर लामबंद है। वहीं इन सबके बीच अब भारतीय एक्सपर्टस ने राहत भरी खबर दी है। दरअसल सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) के डायरेक्टर विनय के। नंदीकूरी ने कहा कि BF.7 वैरिएंट का असर भारत (India) में ज्यादा नहीं हो पायेगा। एक्सपर्ट नंदीकूरी के मुताबिक, ज्यादातर भारतीयों के पास अब हाइब्रिड इम्यूनिटी (Hybrid Immunity) मौजूद है। उन्होंने जरुरी वैक्सीनेशन के जरिए यह इम्यूनिटी हासिल कर ली है। हालांकि, उन्होंने मास्क लगाने समेत कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने पर भी जोर देने को कहा है।
CCMB के डायरेक्टर नंदीकूरी ने बताया कि इम्यूनिटी होने पर सभी तरह के नए वैरिएंट से बचने की क्षमता होती है। लेकिन याद रखें कि जिन्होंने वैक्सीनेशन करवाया है वो भी ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि, भारत में संक्रमण को लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत फिलहाल नहीं है, जितना डेल्टा वैरिएंट के समय हुई थी। ऐसा इसलिए क्योंकि अब देश में लोगों पास एक हद तक हर्ड इम्यूनिटी आ गई है। जिसके चलते हम अन्य वायरस के संपर्क में आने के बावजूद भी सुरक्षित हैं।
पता हो कि बीते गुरुवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के डॉक्टर अनिल गोयल ने भी ऐसा ही एक दावा किया था। उनका कहना था कि चीन की तुलना में भारत के लोगों की इम्यूनिटी ज्यादा स्ट्रॉन्ग है। ऐसे में देश में लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डॉक्टर गोयल के मुताबिक, भारत की 95% आबादी में कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी बन चुकी है।
बात अब अगर चीन की करें तो, यहां कोरोना से हालात बहुत ज्यादा बिगड़ गए हैं कि वहां दवाओं की भी कमी आ गई है। इसी बीच सरकार ने लोगों से ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन लियानहुआ किंगवेन (Lianhua Qingwen) खाने के लिए कह रही है। लेकिन ख़ास बात ये है कि इस दवा को वायरल इंफेक्शन होने पर दिया जाता है। ऐसे में सरकार की इस दवा को खिलाने की हिदायत से यह साफ है कि वो कोरोना को शायद साधारण फ्लू मान रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ चीन में अब ब्लड की कमी से यहां के अस्पतालों का बुरा हाल है। चीन के कई शहरों में स्थानीय लोगों से ब्लड डोनेट करने की अपील हो रही , लेकिन वे घर से नहीं निकल रहे हैं। ज्यादातर कोरोना के खतरे की वजह से लोग ब्लड डोनेशन के लिए नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे पहले से ही चरमरा रही स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत अब और ज्यादा खस्ता हो गई है। इसके बावजूद चीन कोरोना के मामलों और इससे हो रही मौतों के आंकड़े को छुपा रहा है। एक अनौपचारिक अनुमानों की मानें तो बीजिंग के 22 मिलियन लोगों में 40 फीसदी कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हुए हैं।