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कोरोना संदिग्ध लड़की बेंगलुरु से भागकर पहुंची आगरा


नई दिल्ली। कोरोना वायरस की बढ़ते प्रकोप पर जहां एक तरफ शासन और प्रशासन पूरी तरह से रोकथाम में लगे हुए है वहीं जिन लोगों में यह वायरस पाया जा रहा है वो लगातार लापरवाही करते नजर आ रहे है अभी कुछ दिन पहले भी एक वायरस संक्रमित व्यक्ति आस्पताल से भाग निकला था वहीं देश में एक नवविवाहित जोड़े में भी कोरोना वायरस पाया गया है जिसमें पति को तो इलाज चल रहा है लेकिन महिला अस्पताल कर्मियों की आंखों में झूल झोंक कर बेंगलुरू से आपने घर आगरा भाग आई है।

हालांकि स्वास्थ्य ​कर्मियों व प्रशासन ने इस सं​क्रमित महिला को उसके घर से पकड़ लिया है लेकिन फिर भी वह महिला बेंगलुरू से आगरा तक हवाई यात्रा व रेल यात्रा करती हुई आई है। जिसके कारण यह कयास लगाई जा रही है कि इस महिला के आसपास जो भी लोग बैठे होंगे उनतक कोरोना वायरस पहुंच गया होगा।

जानकारी के अनुसार आगरा की रहने वाली एक लड़की जिसका पति गूगल कर्मचारी है इस सप्ताह कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया। इसके बाद वो लड़की भी इस शुक्रवार कोरोना से संक्रमित पाई गई। दोनो पति-पत्नी हाल ही में अपना हनीमून ट्रिप पूरा करके इटली से लौटे थे, लड़की के पति में कोरोना के लक्षण दिखने के बाद उसे भी आसोलेशन वॉर्ड में रखा गया था। लड़की आईसोलेशन वॉर्ड से भाग गई। उसने 8 मार्च को बेंगुलुरु से दिल्ली की फ्लाइट ली, उसके बाद दिल्ली से आगरा के लिए ट्रेन पकड़ कर अपने माता पिता के पास पहुंच गई।

इतना ही नहीं जब स्वास्थ्य अधिकारी उसके घर आगरा पहुंचे तो वहां भी उनको विरोध का सामना करना पड़ा। अपने घर में वो अपने 8 परिवार के सदस्यों के साथ रह रही थी। डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट के दखल देने पर पुलिस बुलाई गई तब जाकर स्वास्थ्य अधिकारी लड़की तक पहुंच सके।

आगरा के स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मुकेश कुमार वत्स ने बताया कि जब हमारी टीम लड़की के माता-पिता के घर पहुंची तो उसके पिता जो कि रेलवे में इंजीनियर हैं उन्होंने भी इसका विरोध किया और झूठ कहा कि उनकी बेटी बेंगलुरु के लिए निकल गई है। हालांकि डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट के दखल के बाद वो उनके घर के भीतर पहुंचे और सभी 9 परिवार सदस्यों की स्क्रीनिंग की।

एक स्वास्थ्य अधिकारी जिसने लड़की से बात की थी उसने बताया कि लड़की की इस साल फरवरी में बेंगलुरु के रहने वाले गूगलकर्मी से शादी हुई थी, जिसके बाद वो अपने हनीमून के लिए इटली निकल गए। वहां से वो ग्रीस और फ्रांस होते हुए 27 फरवरी को मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से सीधा बैंग्लौर की फ्लाइट पकड़कर निकल गए।

7 मार्च को लड़के में कोरोना वायरस की पुष्टि हो गई और दोनों पति-पत्नि को आइसोलेट किया गया। जिसके बाद लड़की ने अपने माता-पिता को इस बात की खबर दी और 8 मार्च को आगरा लौट गई। स्वास्थ्य अधिकारी हरकत में आए जब अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज ने लड़की को कोरोना वायरस संक्रमित पाया। आगरा के डीएम प्रभु नारायण सिंह का कहना है कि लड़की रविवार को आगरा आई थी। हमने उसके परिवार को आइसोलेट कर लिया है। एक सीनियर डॉक्टर ने बताया कि लड़की आगरा में पहली कोरोना संक्रमित है, जो एसएन मेडिकल कॉलेज में एडमिट है।

लड़की ने फ्लाइट और ट्रेन में ट्रैवल किया है। शंका है कि उसकी सीट के आसपास बैठने वाले लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। इस खबर के बाद आगरा रेलवे स्टेशन को सैनिटाइज किया जा रहा है।

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