Corona Update: बीते दिन कोरोना वायरस के 9,119 नए मामले, 396 ने गंवाई जान, 539 दिन में सबसे कम केस
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के मामले अब स्थिर हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार को यानी आज भारत में पिछले 24 घंटों में 9,119 नए मामले कोरोना वायरस के केस सामने आए हैं। वहीं इस दौरान बीते 24 घंटे में 10,264 लोग ठीक हुए हैं और 396 मरीजों की मौत हुई है। देश में कोरोना वायरस एक्टिव केसों की संख्या 1,09,940 है, जो पिछले 539 दिनों में सबसे कम हैं।
कोरोना के कुल मामलों की बात करें तो उनकी संख्या 34, 544, 882 हो गई है। वहीं, कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या की बात करें तो यह 109,940 हो गई है। कोरोना से पिछले 24 घंटे में 10,264 लोग ठीक हुए। कोरोना से ठीक होने वालों की कुल संख्या 33,967,962 हो गई है। कोरोना से अब तक 466, 980 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में 90,27,638 लोगों का वैक्सीनेशन हुआ। अब तक कुल 1,19,38,44,741 वैक्सीनेशन हो चुका है।
वहीं, राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कोरोना के 35 नए केस आए हैं। इसके साथ ही अब एक्टिव केस 311 हो गए हैं। अबतक कोरोना संक्रमण से कुल मौतों की संख्या 25, 095 पर पहुंच गई है। वहीं, 20 नए लोगों की स्वस्थ होने की सूचना है। पिछले 24 घंटे में 54,268 लोगों की कोरोना जांच हुई है, जिनमें मात्र 0.06 लोग ही पॉजिटिव पाए गए। वहीं पिछले 24 घंटे में 1,11,395 लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। इसके साथ ही दिल्ली में अब तक 2,20,63,463 लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है।
गौरतलब है कि कई देशों में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि का हवाला देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब सहित 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर साप्ताहिक जांच दर में कमी आने तथा कुछ जिलों में संक्रमण दर में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है। नगालैंड, सिक्किम, महाराष्ट्र, केरल, गोवा, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और लद्दाख को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शादियों के मौसम, त्योहारों और छुट्टियों के कारण हाल में यात्रा में वृद्धि को देखते हुए उच्च जांच दर को बनाए रखने पर जोर दिया। भूषण ने पत्र में कहा कि जांच में कमी आने से समुदाय में फैली वास्तविक संक्रमण दर का पता नहीं चलेगा।