जाति से पहले धर्म गिनो, जातिगत जनगणना पर BJP सांसद ने अखिलेश को घेरा
लखनऊ : जातिगत जनगणना पर BJP सांसद सुब्रत पाठक ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को घेरा है। भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि अगर अखिलेश यादव जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं तो मैं उसमें जोड़ना चाहता हूं और धार्मिक जनगणना की मांग करूंगा ताकि लोगों को पता चल सके कि अल्पसंख्यक किस हद तक बढ़े हैं। पहले धार्मिक फिर जातिगत जनगणना होनी चाहिए।
यूपी में जातिगत जनगणना पर सियासत तेज है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि राज्य में उनकी सरकार बनने पर जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी। सपा प्रमुख ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जनता का ध्यान बुनियादी मुद्दों से भटकाने की लगातार कोशिश कर रही है। अखिलेश ने कहा कि हमें उनके (भाजपा) बहकावे में नहीं आना है। वर्तमान शासन काल में महंगाई चरम पर है। बेरोजगारी की दर बढ़ती जा रही है। भ्रष्टाचार बेलगाम है। किसान, नौजवान सहित समाज का हर वर्ग परेशान है।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा देती है, लेकिन जातिगत जनगणना नहीं कराना चाहती। अखिलेश ने कहा कि बिना जातिगत जनगणना के भाजपा का यह नारा अधूरा है। अखिलेश ने कहा कि जब बिहार में जाति आधारित जनगणना हो सकती है तो उप्र में क्यों नहीं हो सकती। यदि सपा की सरकार बनी तो तीन महीने के अंदर जातीय जनगणना कराएंगे।
उन्होंने कहा कि भले ही भाजपा ने दुबारा सरकार बना ली, पर न तो उसकी राजनीतिक विश्वसनीयता रह गई है और न ही वित्तीय विश्वसनीयता रह गई है क्योंकि सरकार वादे पूरे नहीं कर पा रही है।