देहरादून (दस्तक ब्यूरो) : उत्तराखंड एक नवाचार के लिए जाना जाता है। यूं तो कुमाऊं के रानीखेत में देश का पहला फाॅरेस्ट हीलिंग सेंटर स्थापित हो चुका है, लेकिन अब कुमाऊं की ही नैनीताल छावनी परिषद में दूसरा फाॅरेस्ट हीलिंग सेंटर साकार होने जा रहा है। कैंट बोर्ड ने लगभग इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं और दिसंबर से पूर्व इसे प्रभावी करने की योजना है। ऐसे में आगामी ग्रीष्म सीजन में यहां सैलानियों को नया पर्यटन स्थल मिलेगा। प्रकृति और पर्यावरण को पर्यटन व स्वास्थ्य से जोड़ने के लिए कैंट ने अभिनव पहल शुरू कर दी है।
छावनी परिषद के सीईओ वरुण कुमार ने बताया कि कैंट नैनीताल-भवाली मार्ग पर पालिका की पूर्व चुंगी से सटे 1.25 एकड़ जंगल क्षेत्र को देश का दूसरा फाॅरेस्ट हीलिंग सेंटर बनाने जा रहा है। इसके लिए जापानी विशेषज्ञ संपर्क में हैं और वह शीघ्र यहां आने वाले है। छावनी के उक्त परिक्षेत्र के पेड़, वनस्पति और अन्य का सदुपयोग कर न्यूनतम खर्च में पीपीपी मोड में इसे संचालित किया जाना है। बताया कि दिसंबर में यह तैयार हो जाएगा और आगामी ग्रीष्म सीजन में पर्यटकों को नया पर्यटन स्थल मिलेगा।
वरुण कुमार, सीईओ, छावनी परिषद का कहना है कि छावनी परिषद की निजी भूमि पर स्थित वन संपदा और प्रकृति का सदुपयोग करते हुए करीब 60 से 70 लाख रुपये अनुमानित खर्च पर इसे पीपीपी मोड पर साकार करने की योजना है। इसके विभिन्न पक्षों पर सकारात्मक वार्ता हो चुकी है।