मुंबई: यहां की एक विशेष अदालत ने सोमवार को शिवसेना सांसद संजय राउत की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए और बढ़ा दी तथा एक पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लिया, जिसमें उनका नाम धनशोधन के एक मामले में आरोपी के रूप में लिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में राज्यसभा सदस्य राउत (60) को एक अगस्त को गिरफ्तार किया था।
ईडी ने पिछले हफ्ते पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें राउत को मामले में आरोपी बनाया गया था। राउत ने जमानत के लिए धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामलों की विशेष अदालत का रुख किया है। विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने अभियोजन की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए शिवसेना सांसद के सहयोगी प्रवीण राउत समेत मामले के सभी आरोपियों को समन जारी किया। अदालत ने सोमवार को संजय राउत की न्यायिक हिरासत भी 14 दिन के लिए और बढ़ा दी।
शिवसेना नेता की जमानत पर सुनवाई 21 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई थी, क्योंकि उनके वकील ने कहा था कि वह आरोपपत्र का अध्ययन करना चाहते हैं और उनकी याचिका में अतिरिक्त आधार जोड़ने का फैसला करना चाहते हैं। ईडी की जांच पात्रा ‘चॉल’ के पुनर्विकास और राउत की पत्नी तथा कथित सहयोगियों से संबंधित वित्तीय संपत्ति के लेनदेन में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है।
संजय राउत की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए ईडी ने पिछले हफ्ते अदालत को बताया था कि उन्होंने पात्रा चॉल पुनर्विकास से जुड़े धनशोधन मामले में प्रमुख भूमिका निभाई और “पर्दे के पीछे” काम किया। ईडी ने राउत की इस दलील का भी खंडन किया था कि उनके खिलाफ कार्रवाई किसी द्वेष या राजनीतिक प्रतिशोध के चलते की गई है।