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ब्रिटेन में बड़े ड्रग तस्करी गिरोह में शामिल 3 पंजाबियों को कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा

लंदन: ब्रिटेन की पुलिस ने एक 10 सदस्यीय ड्रग तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें 3 पंजाब मूल के व्यक्ति भी शामिल हैं। यह गिरोह ब्रिटेन के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय था, खासकर बर्मिंघम, वॉल्वरहैम्प्टन, सैंडवेल, वाल्सल, साउथ स्टैफोर्डशायर और लंदन में। गिरोह के सदस्य एन्क्रोकैट नामक एक सुरक्षित मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल करते थे, जिससे वे अपने अपराधों की योजना बनाते और उन पर अमल करते थे। यह ऐप इतना सुरक्षित था कि पुलिस को इसे ट्रैक करने में काफी समय लगा। इस ऐप के माध्यम से वे कोकेन की बड़ी मात्रा की तस्करी की योजना बनाते थे।गिरोह ने लगभग एक टन कोकेन की तस्करी की योजना बनाई थी, जो कि ब्रिटेन के ड्रग बाजार में एक बड़ा योगदान होता।

गिरोह फ्रोज़न चिकन के अंदर कोकेन छिपा कर इसे देश और विदेश भेजता था। यह तस्करी का एक अनूठा तरीका था, जो पुलिस के लिए इसे पहचानना मुश्किल बनाता था। पुलिस ने उनके पास से 400 किलोग्राम उच्च शुद्धता वाली कोकेन बरामद की, जिसे उन्होंने फ्रोज़न चिकन के पैकेट्स में छिपा रखा था। इसके अलावा, 225 किलोग्राम कोकेन भी बरामद की गई, जिसे ऑस्ट्रेलिया भेजने की तैयारी की जा रही थी। पुलिस ने एक लंबे समय तक चलने वाली जांच के बाद जुलाई 2020 में गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इस जांच के तहत, पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की और बड़ी मात्रा में ड्रग्स और अन्य अवैध वस्तुएं बरामद कीं। पुलिस ने गिरोह के सदस्यों के वाहनों से भी ड्रग्स बरामद की, जिन्हें उन्होंने विशेष रूप से तस्करी के लिए तैयार किया था।

अदालत ने सभी इस गिरोह के सभी सदस्यों को 2 से 16 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई है। पंजाबी मूल के मनिंदर दोसांझ (39) को 16 साल और 8 महीने तथा अमांदीप ऋषि (42) को 11 साल और 2 महीने व 42 वर्षीय मंदीप सिंह को सजा सुनाई गई है। गिरोह ने फ्रोज़न चिकन के कंसाइनमेंट्स में छिपाकर कोकेन की तस्करी की थी। पुलिस ने उनके पास से 400 किलोग्राम उच्च शुद्धता वाली, 225 किलोग्राम कोकेन और 1.6 मिलियन पाउंड नकद जब्त किए। बरामद कोकेन ऑस्ट्रेलिया भेजी जानी था।

गिरोह ने एन्क्रोकैट नामक एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल किया, जिसे पुलिस ने जांच के दौरान बंद कर दिया। जुलाई 2020 में शुरू हुई इस जांच के बाद गिरोह के सभी सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारियां बर्मिंघम, वॉल्वरहैम्प्टन, सैंडवेल, वाल्सल, साउथ स्टैफोर्डशायर और लंदन से की गईं। बर्मिंघम क्राउन कोर्ट ने 20 अगस्त को सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। यह मामला ब्रिटेन में ड्रग तस्करी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।

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