कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट का लिया संज्ञान, D कंपनी के सदस्यों के साथ मिलकर एनसीपी नेता ने रची थी साजिश
मुंबई: एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दरअसल अब विशेष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ ईडी (ED) के चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। साथ ही कोर्ट का कहना है कि इस बात के प्रथम दृष्टया सबूत हैं कि नवाब मलिक सीधे तौर पर और जानबूझकर कुर्ला इलाके के गोवा वाला परिसर को हड़पने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) और आपराधिक साजिश में शामिल रहे थे।
ज्ञात हो कि कोर्ट ने एनसीपी नेता मलिक और 1993 बम धमाकों के आरोपी सरदार शाहवाली खान के खिलाफ प्रक्रिया जारी की है, जिसका नाम भी इस केस में शामिल है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी नवाब मलिक ने डी-कंपनी के सदस्यों यानी हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मिलकर मुनीरा प्लंबर की संपत्ति को हड़पने के लिए आपराधिक साजिश रची।
गौर हो कि कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रथम दृष्टया सबूत हैं कि आरोपी सीधे और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल है, इसलिए, वह पीएमएलए की धारा 3 के तहत परिभाषित मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए जिम्मेदार है।
पूरे केस में 21 अप्रैल को नवाब मलिक के खिलाफ ईडी ने आरोप पत्र दायर किया था। जिसमें कहा गया है कि कुर्ला में गोवा वाला कंपाउंड पर कब्जा करने के लिए नवाब मलिक, उसके भाई और दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर व उसके बॉडीगार्ड सलीम पटेल के बीच कई बार बैठकें हुई थी।